भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर ने 23 फरवरी को भारत बंद का ऐलान किया जिसके बाद से ही पश्चिमी यूपी में अलर्ट जारी कर दिया गया। सूत्रों के मुताबिक खबर मिली हैं कि दो अप्रैल 2018 में जहां-जहां हिंसा हुई थी उन सभी क्षेत्रों में भारी पुलिस बल तैनात किया गया हैं।साथ ही यूपी एसएसपी ने शनिवार (22 फरवरी) को वायरलैस पर संदेश देते हुए कहा कि जिस क्षेत्र से भी भीड़ आती हैं, वहां के थानेदार को निलंबित कर दिया जाएगा।
वही मेरठ जोन के एडीजी प्रशांत कुमार ने कहा कि उनकी और से स्थिति पर पैनी निगाह बनी रहेगी। और खुफिया, सुरक्षा एजेंसियों के इनपुट को एक-दूसरे से शेयर किये जाने का कार्य जारी है।हालांकि इनपुट के अनुसार भारत बंद का वेस्ट यूपी में कोई खास असर नहीं रहेगा। लेकिन दो साल पहले दो अप्रैल 2018 को हुई हिंसा को ध्यान में रखते हुए यूपी पुलिस को काफी चौकन्ना रहना पड़ रहा है। सभी एसएसपी को फील्ड में रहने के निर्देश दिये गए है।मेरठ एसएसपी अजय साहनी ने बताया कि दो अप्रैल 2018 को आरक्षण में संशोधन को लेकर मेरठ में जो हिंसा भड़की थी। उस दौरान इस हिंसा में जिन लोगों के नाम सामने आए थे, उन सभी पर पुलिस की नजर बानी हुई हैं।
पुलिस ने शनिवार (22 फरवरी) को इन लोगों के घर जाकर सख्त हिदायत देते हुए कहा कि जनपद में धारा-144 लागू है। इसलिए कोई भी इस धरना-प्रदर्शन में शामिल न हो। सुरक्षा के लिहाज से शोभापुर, रिठानी, शेरगढ़ी, डिग्गी, अब्दुल्लापुर आदि इलाकों में निगरानी रखी जा रही है। खुफिया सूत्रों के अनुसार, मेरठ में भीम आर्मी ने केवल ज्ञापन देने का प्रोग्राम निर्धारित किया है। सुबह करीब 10 बजे कार्यकर्ता कमिश्नरी चौराहा पर इकट्ठा होंगे। जिसके बाद यहां से अंबेडकर चौक पर जाकर डॉ . भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर कलक्ट्रेट जाकर ज्ञापन सौंपेंगे। खुफिया सूत्रों से यह भी पता चला कि मेरठ में भारत बंद का कोई प्रभाव नहीं रहेगा।
शांति मार्च बवाल से जुड़े एक मुस्लिम नेता के भीम आर्मी ज्वाइन करने की बातें भी सामने आ रही थी। जानकारी से पता चला कि बिजनौर के एक पूर्व विधायक शुक्रवार को मेरठ आए थे और उन्होंने ही इस कार्यक्रम का आयोजन कराया। लेकिन उक्त मुस्लिम नेता ने बयान जारी कर कहा कि उनके पास ऐसा प्रस्ताव आया जरूर था लेकिन उन्होंने भीम आर्मी ज्वाइन नहीं की। गौरतलब हैं ,यह मुस्लिम नेता शांति मार्च बवाल के दौरान कई महीने जेल में भी रहा है।