माघ मेले को मद्देनज़र रखते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कुछ बड़े अहम् नियमों का निर्देश दिया है। HC ने अधिकारीयों को कानपुर और प्रयागराज में गंगा के पानी की गुणवत्ता की नियमित निगरानी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है, साथ ही गंगा में अपशिष्ट छोड़ने से सख़्त मना किया है। जानकारी के मुताबिक, HC नदी में प्रदूषण से संबंधित एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल, न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता और न्यायमूर्ति अजीत कुमार की तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने संबंधित अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि माघ मेले के दौरान किसी भी प्रकार का अपशिष्ट गंगा और यमुना में न छोड़ा जाए।
मेला क्षेत्र में सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध
अदालत ने कहा, यदि सेप्टिक टैंक में सीवेज एकत्र किया जाता है, तो यह सुनिश्चित किया जाए कि इसे मेले के अंत में हटा दिया जाए और यहां छोड़ा न जाए। अदालत ने माघ मेले का प्रबंधन करने वाले अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया कि मेला क्षेत्र में सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध को ठीक से लागू किया जाए।
अदालती कार्यवाही के दौरान यूपी के महाधिवक्ता (एजी), अजय कुमार मिश्रा ने आश्वासन दिया कि जिला मजिस्ट्रेट और नगर आयुक्त, प्रयागराज, कानपुर और उन्नाव में अधिकारियों के साथ संपर्क में है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वहां स्थापित टेनरियों से बगैर ट्रीटमेंट के अपशिष्ट न छोड़ा जाए।