उत्तर प्रदेश : अपने बयानों को लेकर अक्सर चर्चा में रहने वाले मशहूर शायर मुनव्वर राणा की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने मुनव्वर राणा की गिरफ्तारी पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। इसके साथ ही पीठ ने एफआईआर रद्द करने की याचिका भी खारिज कर दी।
मुनव्वर राणा ने महर्षि वाल्मीकि की तुलना तालिबान से कर दी थी, जिसके बाद उनके खिलाफ SC/ST एक्ट के तहत हजरतगंज थाने में केस दर्ज कराया गया था। आंबेडकर महासभा ने भी मुनव्वर राना के खिलाफ केस दर्ज किए जाने की मांग की थी। SC/ST एक्ट के अलावा 153-A, 501 (1)-B और 295-A के तहत राणा के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
हजरतगंज थाने के प्रभारी श्याम शुक्ला ने जानकारी देते हुए बताया था कि वाल्मीकि समाज के नेता पीएल भारती की तहरीर पर राणा के खिलाफ धार्मिक भावनाएं भड़काने और अन्य कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। पीएल भारती ने हजरतगंज थाने में शिकायत दर्ज कराई जिसमें उन्होंने दावा कि मुनव्वर ने तालिबान की तुलना महर्षि से कर देश के दलितों को ठेस पहुंचाई है, उनका अपमान किया है। साथ ही हिंदु आस्था को चोट पहुंचाई है।
मुनव्वर राणा ने अपने बयान में कहा था कि, वाल्मीकि जो पहले क्या थे और बाद में क्या हो गए. तालिबानी भी पहले से बदल चुके हैं। अब पहले जैसा माहौल नहीं है। कहना था कि तालिबानी बुरे लोग नहीं हैं। हालातों के चलते वो ऐसे हो गए हैं। इसी के साथ मनुव्वर ने ये भी कहा कि तालीबानियों पर भरोसा किया जा सकता है।