देश में एलोपैथी बनाम आयुर्वेद का मुद्दा राजनीतिक ट्रैक पर जाता नजर आ रहा है। बाबा रामदेव द्वारा एलोपैथी को लेकर दिए बयान का बलिया जिले से बीजेपीविधायक सुरेंद्र सिंह ने समर्थन करते हुए योग गुरु रामदेव को भारतीय चिकित्सा प्रणाली का ध्वजवाहक करार दिया है।
अपने बयानों को लेकर अक्सर चर्चा में रहने वाले विधायक सुरेंद्र सिंह ने फेसबुक पोस्ट में कहा ''पूज्य बाबा रामदेव पर चिकित्सकों के द्वारा टिप्पणी करना निंदनीय है। वर्तमान चिकित्सा पद्धति को महंगा बनाकर समाज को लूटने वाले नैतिकता की शिक्षा न दें। आज एलोपैथ के क्षेत्र में 10 रूपये की गोली को 100 रूपये में बेचने वाले लोग सफेद वस्त्रधारी अपराधी हो सकते हैं, वह समाज के हितैषी नहीं हो सकते।''
विधायक ने कहा, ''एलोपैथ भी उपयोगी है और आयुर्वेद भी उससे कम नहीं है, यह भाव रखकर समाज में पीड़ित इंसान की सेवा चिकित्सकों को करनी चाहिए।'' उन्होंने अपने दूसरे पोस्ट में लिखा है, ‘'भारतीय चिकित्सा पद्धति के ध्वज वाहक पूज्य स्वामी रामदेव जी का मैं हृदय से अभिनंदन करता हूं। उन्होंने आयुर्वेद के माध्यम से स्वस्थ भारत, समर्थ भारत अभियान की शुरुआत की है।''
उल्लेखनीय है कि रामदेव का एक वीडियो सोशल मीडिया पर आया था जिसमें उन्हें कोरोना वायरस संक्रमण के इलाज के लिए इस्तेमाल की जा रही कुछ दवाओं पर सवाल करते हुए और यह कहते हुए सुना गया कि "कोविड -19 के लिए एलोपैथिक दवाएं लेने से लाखों लोग मारे गए हैं।"
बाद में रामदेव ने अपनी टिप्पणी वापस ले ली थी। इस बीच गुरुवार को सुरेंद्र सिंह यह आरोप लगाते हुए धरने पर बैठ गये थे कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा जारी आदेश के बावजूद सरकार द्वारा संचालित गेहूं क्रय केंद्र बंद कर दिया गया है। हालांकि बृहस्पतिवार को ही देर शाम बैरिया के उपजिलाधिकारी प्रशांत कुमार नायक ने गेहूं क्रय की शुरुआत कराकर उनका धरना समाप्त करा दिया था।