संपूर्ण देश इस वक्त कोरोना महामारी के संकट से जूझ रहा है। वायरस से निपटने के लिये केंद्र समेत तमाम राज्यों की सरकारें हरसंभव कोशिश कर रही है। मगर इन सब के बीच, राजनीति अपनी पराकाष्ठा पर है। नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर कोरोना संक्रमण के साथ-साथ बढ़ते जा रहे हैं, खास कर उत्तर प्रदेश में। कांग्रेस द्वारा प्रवासी मजदूरों के लिए बसों का इंतजाम करने के बाद से ही कांग्रेस और बहुजन समाजवादी पार्टी (बसपा) और कांग्रेस के बीच तनातनी जारी है।
दरअसल, बसों को लेकर कांग्रेस और राज्य सरकार के बीचो तो पहले से ही सियासत जारी थी, मगर बसपा सुप्रीमो मायावती के बयान के बाद से सियासत ने और भी तूल पकड़ लिया। बसपा सुप्रीमो मायावती ने कांग्रेस पर बसों को लेकर राजनीति करने का आरोप लगाया था। अब कांग्रेस ने मायावती पर हमला बोलते हुए कहा कि बसपा और बीजेपी का अंदरखाने गठबंधन हो चुका है, कांग्रेस ने मायावती (बहनजी) को ट्विटर की बहनजी बताया और आरोप लगाया कि वह केंद्र में सत्ताधारी पार्टी बीजेपी की भाषा बोल रही हैं।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी एल पुनिया ने कहा कि ‘‘ट्विटर बहनजी’’जिस तरह की भाषा और ट्वीट का इस्तेमाल कर रही हैं, उससे साफ पता चलता है कि वह भाजपा का प्रेस नोट बनाकर भेजती है। वह कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की सक्रियता पर नाराज महसूस करती हैं। पुनिया ने यह बात एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में की। वहीं, कांग्रेस अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बृजलाल खाबरी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में दलित समाज पर हमला बढ़ा है लेकिन मायावती के मुंह से एक शब्द नहीं निकलता है। प्रदेश में दलितों-वंचितों के खिलाफ हो रहे उत्पीड़न पर मायावती क्यों नहीं बोलती हैं? उन्होंने आरोप लगाया कि मायावती और दलित विरोधी भाजपा में अंदरखाने समझौता हो गया है तथा मायावती भाजपा की अघोषित प्रवक्ता हैं।
पुनिया ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की दलित विरोधी सरकार में दलित समाज पर राज्य संरक्षण में हमले बढ़े हैं। उन्होंने कहा कि अयोध्या में बाल कटवाने गए एक दलित युवक की धारदार हथियार से गला रेतकर हत्या कर दी गई। कन्नौज में भाजपा सासंद सुब्रत पाठक द्वारा तहसीलदार अरविंद कुमार के घर में घुसकर मारपीट की गई, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। रामपुर में एक सफाईकर्मी के साथ पांच लोगों ने मारपीट कर उसके मुंह में सैनिटाइजर का रसायन घोल डाल दिया, जिससे वह बेहोश हो गया और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उसकी मौत हो गई। राज्य में और भी कई ऐसी घटनाएं हुईं, लेकिन दलितों की स्वघोषित नेता मायावती चुप हैं।