उत्तर प्रदेश के एक दिवसीय दौरे पर रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि चुनाव करीब आने पर सक्रिय हो जाने वाले नेताओं की सबसे ज्यादा संख्या उत्तर प्रदेश में है। राज्य में अगले साल की शुरुआत में निर्धारित विधानसभा चुनाव के मद्देनजर उन्होंने विपक्ष को अपना निशाना बनाते हुए और पूर्ववर्ती सरकारों से तुलना करते हुए कहा, ”आज मैं गर्व के साथ कह सकता हूं कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी टीम ने दंगाग्रस्त उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था का राज स्थापित किया है।”
गृह मंत्री ने रविवार को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के पिपरसंड, सरोजनी नगर में ‘उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंसेज’ की आधारशिला रखने के बाद आयोजित समारोह में कहा, ”अखबार पढ़ता रहता हूं, रोज बयान आते रहते हैं जिससे पता चलता है कि चुनाव आने के बाद सक्रिय होने वाले नेताओं की सबसे ज्यादा संख्या उत्तर प्रदेश में है।” अमित शाह ने विपक्षी दलों के नेताओं खासतौर से समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव को निशाना बनाते हुए कहा,” बाढ़ आने पर, कोरोना के संकट के वक्त, किसानों के भूख से मरने पर ये लोग दिखाई नहीं पड़ते लेकिन चुनाव नजदीक आने पर आप जरूर दिखेंगे।”
भाजपा सरकार की उलब्धियों को गिनाते हुए उन्होंने दावा किया, ” विकास की 44 योजनाओं में देश में उप्र सबसे आगे हैं। योगी और उनकी टीम ने देश की 44 योजनाओं में सर्वप्रथम स्थान प्राप्त किया है। उप्र ने हर क्षेत्र में विकास किया है, चाहे औद्योगिक निवेश की बात हो, चाहे कानून व्यवस्था ठीक करने की बात हो, गरीब किसान के खाते में धन देने की, शौचालय बनाने की, सिलेंडर देने या बिजली पहुंचाने या फिर भ्रष्टाचार को खत्म कर भ्रष्टाचारियों में भय पैदा करने की बात हो, योगी की टीम का प्रदर्शन सर्वश्रेष्ठ रहा है।”
संस्थान के संदर्भ में गृह मंत्री ने कहा, ”उप्र इंस्टीट़यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंस जब बनकर तैयार हो जाएगा तब अनेक बच्चे यहां अनुसंधान में हिस्सा लेकर न केवल उप्र बल्कि पूरे देश में कानून व्यवस्था की रीढ़ की हड्डी बनेंगे।” अमित शाह ने कहा, ”पुलिस दो ही कारणों से बदनाम होती है एक ‘कार्रवाई न करने’ और दूसरा ‘बहुत कड़ी कार्रवाई’ करने पर। उन्होंने कहा दोनों ही तरीके ठीक नहीं, पुलिस को इससे निकलकर न्यायसंगत कार्रवाई की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए जिसमें ये संस्थान बहुत बड़ा कार्य करेंगे।”
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में कहा कि 2017 से पहले उत्तर प्रदेश दंगों का प्रदेश माना जाता था और यहां कानून-व्यवस्था बदहाल थी और माफिया राज इस कदर हावी था कि यहां जिस भूमि पर इंस्टीट़यूट स्थापित कर रहे हैं, उस पर लखनऊ के एक माफिया ने कब्जा कर लिया था। उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक मुकुल गोयल ने कहा कि इस संस्थान का मुख्य उद्देश्य फॉरेंसिक के क्षेत्र में प्रशिक्षित जनशक्ति का एक स्रोत बनाना, न्यायपालिका और पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षित करना, अपराध की विवेचना में आवश्यक उन्नत प्रौद्योगिकियों में विशेषज्ञता हासिल करना है।