इलाहाबाद हाई कोर्ट के द्वारा डॉक्टर कफील खान को रिहाई का आदेश दिए जाने के बाद मथुरा जेल से मंगलवार की आधी रात को डॉ कफील खान मथुरा जेल से रिहा हुए। इसके बाद अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के छात्र नेताओं तथा जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने कफील की रिहाई का स्वागत किया है।
एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर हमजा मलिक ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश पर कफील की रिहाई को इंसाफ की जीत बताया है। उन्होंने बताया कि एसोसिएशन का मानना है कि कफील ने हमेशा मानवता के मूल्यों को प्राथमिकता दी, चिकित्सा के पेशे के उच्च मूल्यों को हमेशा बरकरार रखा और कभी विघटनकारी गतिविधियों में शामिल नहीं रहे।
मलिक ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार को ऐसे समय में कफील की सेवाएं लेनी चाहिए जब राज्य की चिकित्सा व्यवस्था को उन जैसे पेशेवर डॉक्टरों की जरूरत है। एएमयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष फैजुल हसन ने कहा कि कफील की रिहाई सच्चाई और लोकतंत्र की जीत है। उन्होंने कहा कि कफील ने विरोध करने के अपने लोकतांत्रिक अधिकार का इस्तेमाल किया और खुद पर ज्यादती होने के बावजूद कभी विरोध करने का कोई अलोकतांत्रिक ढंग नहीं अपनाया।
गौरतलब है कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश के बाद डॉक्टर कफील को मंगलवार की मध्य रात्रि में मथुरा जेल से रिहा कर दिया गया।
कफील संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ पिछले साल अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में भड़काऊ भाषण देने के आरोप में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत करीब साढ़े सात महीने से मथुरा जेल में बंद थे। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति गोविंद माथुर और न्यायमूर्ति सौमित्र दयाल सिंह की पीठ ने कफील को तत्काल रिहा करने के आदेश दिये थे।