अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की कथित आत्महत्या मामले में आरोपी आनंद गिरि और आद्या प्रसाद तिवारी को बुधवार को स्थानीय अदालत में पेश किया गया जिसने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) गुलाब चंद्र अग्रहरि ने बताया कि आरोपी आनंद गिरि और आद्या प्रसाद तिवारी को आज मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट हरेंद्र नाथ की अदालत में पेश किया गया।
उन्होंने बताया कि आनंद गिरि के वकील ने अदालत में जमानत याचिका पेश की, लेकिन न्यायाधीश ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट का अवलोकन करने के बाद और मामले की गंभीर प्रकृति को देखते हुए जमानत याचिका नामंजूर कर दी। अदालत ने दोनों आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। अदालत में जांच अधिकारी महेश सिंह द्वारा साक्ष्य के तौर पर दिवंगत महंत के दो मोबाइल फोन, मरने से पूर्व महंत नरेंद्र गिरि द्वारा बनाया वीडियो, नायलॉन की रस्सी, चाकू, सात पन्नों का सुसाइड नोट प्रस्तुत किया गया।
मामले की अगली सुनवाई के लिए पांच अक्टूबर की तारीख तय की गयी है। उल्लेखनीय है कि सोमवार को महंत नरेंद्र गिरि का शव उनके मठ के कमरे से मिला था। पुलिस के मुताबिक, महंत नरेंद्र गिरि ने कथित तौर पर फांसी लगाकर आत्महत्या की। सोमवार की देर रात अमर गिरि पवन महाराज द्वारा जार्जटाउन थाना में प्राथमिकी कराई गई जिसमें महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य आनंद गिरि पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया गया।