उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सहयोगी पार्टी के ‘निषाद’ के अध्यक्ष संजय निषाद ने भगवान राम को लेकर विवादित बयान दिया। उन्होंने भगवन राम को राजा दशरथ का तथाकथित पुत्र बताया। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि खीर खाने से कोई बच्चा नहीं पैदा होता। निषाद के इस बयान के बाद संत समाज ने गहरी नाराजगी व्यक्त की है।
संजय निषाद ने कहा, “राजा दशरथ की कोई संतान नहीं थी और उन्होंने श्रृंगी ऋषि को एक यज्ञ करने के लिए कहा, जिसके बाद उनके पुत्रों का जन्म हुआ। यह कहा जाता है कि दशरथ ने अपनी तीन रानियों को विशेष रूप से तैयार खीर दी थी, जिसके बाद पुत्रों का जन्म हुआ, लेकिन सिर्फ खीर खाने से कोई गर्भवती नहीं होता है।”
संजय निषाद का बयान भगवान राम का अपमान
संतों का दावा है कि उनकी ईशनिंदा टिप्पणी सस्ते प्रचार अर्जित करने के लिए एक चाल है और उन्होंने बीजेपी से निषाद पार्टी के साथ अपना गठबंधन तुरंत समाप्त करने के लिए कहा है। राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा, “संजय निषाद का बयान और भाषा बेहद आपत्तिजनक है। यह भगवान राम और उनके भक्तों का अपमान है।”
हनुमान गढ़ी मंदिर के महंत राजू दास ने कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक निषाद को इस तरह की टिप्पणी करनी चाहिए। भगवान राम ने निषादों को पूरा सम्मान दिया जिन्होंने उन्हें नदी पार करने में मदद की, लेकिन आज एक निषाद नेता ने भगवान का अपमान किया है, हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं।”
संजय निषाद के बयान पर ओवैसी ने RSS प्रमुख से मांगी सफाई
इस बीच, एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और बीजेपी से भगवान राम पर संजय निषाद के बयान पर सफाई देने को कहा है। ओवैसी ने निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद के बयान को लेकर कहा कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत तो डीएनए के एक्सपर्ट हैं। उनको संजय निषाद द्वारा भगवान राम के ऊपर दिए गए बयान को लेकर अपना स्पष्टीकरण देना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि बीजेपी और संघ के वरिष्ठ नेताओं को भी इस मामले में बोलना चाहिए।