राजधानी लखनऊ स्थित मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यालय लोक भवन के सामने एक व्यक्ति ने खुद पर मिट्टी का तेल छिड़ककर आग लगा ली। हादसे में 30 फीसदी झुलस चुके व्यक्ति की पहचान कन्नौज जिले के इंदरगढ़ निवासी उमाशंकर (36) के रूप में हुई है। कथित रूप से जमीन पर अवैध कब्जे के मामले में कार्रवाई नहीं होने से क्षुब्ध होकर उमाशंकर ने आत्मदाह का प्रयास किया।
घटना की सूचना मिलने पर कन्नौज जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया, जिलाधिकारी तथा पुलिस अधीक्षक पीड़ित के गांव पहुंचकर परिजन से मुलाकात की। पुलिस सूत्रों ने लखनऊ में बताया कि इंदरगढ़ का रहने वाला उमाशंकर ने हजरतगंज स्थित लोक भवन के सामने पहुंचा और खुद पर मिट्टी का तेल छिड़ककर आग लगा ली।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि आस-पास मौजूद पुलिसकर्मियों ने मुस्तैदी देखते हुए आग बुझा दी और उमाशंकर को स्थानीय श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल में भर्ती कराया। उमाशंकर लगभग 30 फीसदी झुलस चुका है। लखनऊ के पुलिस आयुक्त डीके ठाकुर ने बताया कि उमाशंकर की जमीन पर किसी ने कथित रूप से अवैध कब्जा कर लिया है जिसे हटाने के लिए उसने ग्राम प्रधान और लेखपाल से शिकायत की, उमाशंकर का आरोप है कि इसके बावजूद कोई कार्यवाही नहीं की गई।
उधर कन्नौज से मिली रिपोर्ट के मुताबिक इस घटना की सूचना प्राप्त होने पर जिला प्रशासन में खलबली मच गई। जिलाधिकारी राकेश कुमार मिश्र और पुलिस अधीक्षक प्रशांत वर्मा ने इंदरगढ़ थाना क्षेत्र स्थित उमाशंकर के गांव पहुंचे और उसके परिजन से मुलाकात की।
जिलाधिकारी ने मौके पर तहसीलदार और लेखपाल को बुलवाकर नापजोख का काम शुरू कराया और परिजनों को न्याय दिलाने का भरोसा दिलाया। उमाशंकर की पत्नी ने बताया कि उसके पति का पड़ोस में रह रहे शिवकुमार से गांव के बाहर एक प्राइमरी स्कूल के पास स्थित जमीन को लेकर विवाद है, उमाशंकर की उस जमीन पर शिव कुमार ने कथित रूप से अवैध कब्जा कर रखा है।