पैसों के लालच में हत्या
जानकारी के मुताबिक, अंकित नाम के छात्र के अकाउंट में 1.5 करोड़ रुपए थे। छात्र के मकान मालिक ने उससे 60 लाख रुपए उधार लिए थे, तांकि वह उन पैसों से बिज़नेस कर सके। पैसों के लालच में मकान मालिक बिलकुल अंधा हो गया था। अंकित को पैसे वापस न देने पड़ें इसलिए उसने छात्र की हत्या कर डाली। इसके बाद भी वह रुका नहीं और उसने उसकी हत्या के बाद शव के कई टुकड़े कर उन्हें अलग अलग जगह फेंक दिया। इसके बाद लोगों को शक ना हो इसलिए वह उसके फ़ोन का इस्तेमाल करता रहा। इतना ही नहीं उसने लालच में नेट बैंकिंग के जरिए अंकित के अकाउंट से 40 लाख अपने अकाउंट में ट्रांसफर कर लिए।
आरोपी की पुछताछ में बड़ा खुलासा
पुलिस को दिए अपने बयान में आरोपी उमेश ने और भी चौंकाने वाले खुलासे किए। उसने बताया कि उसने एक हिंदी मूवी देखी थी, जिससे उसे यह समझ आया कि अगर शव को ठिकाने लगा दिया जाए तो हत्या की गुत्थी कभी नहीं सुलझ पाएगी।
कैसे दिया वारदात को अंजाम ?
इस केस में पुलिस ने खुलासा करते हुए बताया है कि आरोपी उमेश ने यह पहले ही तय कर लिया था कि वह अंकित की हत्या कब करेगा। 6 अक्टूबर को उसने इस वारदात को अंजाम देते हुए सबसे पहले तो अंकित का गला दबाकर उसकी हत्या की, फिर उसके बाद आरी से उसके शव के चार टुकड़े कर डाले। उसी दिन शव को ठिकाने लगाने के लिए सबसे पहले तो अपने दोस्त की कार ली, उसके बाद खतौली पहुंचकर गंग नहर में एक टुकड़ा फेंक दिया। वहां से मसूरी पहुंचकर उसने गंग नहर में दो टुकड़े फेंक दिए। अंतिम टुकड़ा उसने ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे पर फेंका।
इस केस के बारे में जब पुलिस ने जांच शुरू की तो उसे अंकित के अकाउंट में एक करोड़ होने की सुचना मिली, जिसकी जानकारी अंकित के दोस्तों ने दी थी। मामले में जब पुलिस ने अंकित के अकाउंट के डिटेल्स निकलवाई तो पता चला कि खाते से 1 करोड़ में से 60 लाख से ज्यादा निकाले जा चुके थे। इसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की तो पता चला कि जिस अकाउंट में पैसे गए थे वह उमेश का था। इसके बाद पुलिस सीधा उमेश गया।