इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने रामपुर स्थित जौहर विश्वविद्यालय में पुलिस के छापे की कार्रवाई के खिलाफ दायर एक रिट याचिका पर राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता से आख्या पेश करने को कहा है। न्यायमूर्ति एस.के. गुप्ता और न्यायमूर्ति एस.एस. शमशेरी की पीठ ने मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार द्वारा दायर एक रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया। अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 6 अगस्त तय की।
इस याचिका में आरोप लगाया गया है कि पुलिस ने तलाशी वारंट के बगैर विश्वविद्यालय परिसर में प्रवेश किया और कई वस्तुएं नष्ट कर दीं। साथ ही पुलिस ने विश्वविद्यालय के कुछ कर्मचारियों को गिरफ्तार भी किया। राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता अजित सिंह ने कहा कि मूल्यवान पुस्तकों की चोरी के संबंध में एफआईआर दर्ज की गई है और संबंधित मजिस्ट्रेट से अनुमति प्राप्त करने के बाद आगे की कार्रवाई की गई है।
हालांकि, दोनों पक्षों के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने अपर महाधिवक्ता को इस मामले में आख्या पेश करने को कहा।
उल्लेखनीय है कि रामपुर में ओरिएंटल कॉलेज जिसे पूर्व में मदरसा आलिया के नाम से भी जाना जाता था, की प्रधानाचार्य जुबैर खान द्वारा एफआईआर दर्ज कराने के बाद इस मामले में 16 जून को जांच शुरू हुई। एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि 9,000 से अधिक पुस्तकें चुराई गईं और इन पुस्तकों को जौहर विश्वविद्यालय के पुस्तकालय में ले जाया गया।