गोरखपुर के होटल में कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता हत्याकांड के मामले में मुख्य आरोपित इंस्पेक्टर जेएन सिंह और दरोगा अक्षय मिश्रा को गिरफ्तार किया गया है। मामले के लिए विशेष जांच दल (SIT) ने हत्या के आरोपी एक निरीक्षक (इंस्पेक्टर), तीन उप निरीक्षक (सब-इंस्पेक्टर) और दो आरक्षी (कांस्टेबल) की गिरफ्तारी के लिए सूचना मुहैया कराने पर 1-1 लाख रुपए का नकद इनाम देने का ऐलान किया है।
कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता अपने दोस्तों के साथ गोरखपुर के एक होटल में ठहरे हुए थे, जब पुलिसकर्मी उनके कमरे में दाखिल हो गए थे। इसके बाद उन्होंने कथित रूप से पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। इस मामले में गोरखपुर के छह पुलिसकर्मियों को आरोपी बनाया गया था। घटना के बाद से ही आरोपी फरार हो गए थे, जिसमें से दो को आज गिरफ्तार कर लिया गया। मामले की शुरुआत में फारार आरोपियों पर 25-25 हजार का इनाम घोषित किया गया था, जिसे बाद में बढ़ाकर एक-एक लाख का कर दिया गया था।
मामले के तूल पकड़ने के बाद विपक्ष ने योगी सरकार पर हमला बोला था. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मनीष गुप्ता की पत्नी मीनाक्षी और अन्य परिजनों से मुलाकात की थी। बाद में सरकार ने मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी थी। हालांकि, केस को सीबीआई ने अब तक टेकओवर नहीं किया है। इसकी वजह से एसआईटी टीम पूरे मामले की जांच रही है।
एसआईटी ने मनीष की पत्नी और दोस्तों के बयान किए थे दर्ज
बीते दिनों कानपुर की एसआईटी टीम ने मनीष गुप्ता के दोनों दोस्तों के बयान दर्ज किए थे। कानपुर बुलाकर मनीष गुप्ता के दोनों दोस्तों के साथ-साथ एसआईटी ने मनीष की पत्नी मीनाक्षी का भी बयान दर्ज किया। गोरखपुर में मनीष गुप्ता हत्याकांड की जांच कर रही एसआईटी ने बीते बुधवार को कानपुर में मनीष गुप्ता के घर पर ही उनके दोनों दोस्त हरवीर और प्रदीप सिंह को बुलाकर बयान दर्ज किया। सुबह करीब 11:30 बजे पहुंची एसआईटी की टीम शाम 6:30 बजे तक हरवीर प्रदीप के साथ साथ मनीष गुप्ता की पत्नी मीनाक्षी गुप्ता के बयान दर्ज करती रही। एसआईटी की इस पूछताछ में डीसीपी नॉर्थ रवीना त्यागी एडिशनल डीसीपी के साथ एसआईटी की पूरी टीम मौजूद रही। तीनों लोगों से एसआईटी ने पहले पूरे घटनाक्रम पर अलग-अलग पूछताछ की और फिर मनीष गुप्ता की पत्नी मीनाक्षी को पूरी घटना की दी गई सूचना पर एसआईटी ने अलग से पूछताछ की थी।