'भगवा से हरा, हरा से लाल' जिला अधिकारी आवास के बोर्ड को लेकर अयोध्या में इन दिनों विवाद मचा हुआ है। इस मामले को लेकर शुरू हुए एक्शन के तहत पीडब्ल्यूडी (PWD) के जूनियर इंजीनियर अजय कुमार शुक्ला को सस्पेंड कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि अधिकारियों को संज्ञान में लिए बिना डीएम आवास के बोर्ड का रंग बदला गया था।
क्यों शुरू हुआ विवाद?
दरअसल, अयोध्या में डीएम आवास की इन दिनों मरम्मत हो रही है। इसलिए उनके आवास को अस्थायी रूप से पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस में शिफ्ट कर दिया गया है। आम लोगों को उनके अस्थायी आवास की सूचना देने के लिए पहले केसरिया रंग का बोर्ड लगाया गया था।
बताते हैं कि बोर्ड ठीक-ठाक हालत में था, फिर भी इसे बदलकर हरे रंग का कर दिया गया। सोशल मीडिया पर हुए वायरल संदेश में कहा गया कि अधिकारी भी भावी राजनीतिक समीकरणों को ध्यान में रखकर अब इस तरह के निर्णय ले रहे हैं। हालांकि, उस वक्त पीडब्ल्यूडी के स्थानीय अधिकारियों का कहना था कि रंग बदलने को राजनीति से जोड़ना उचित नहीं है। पीडब्ल्यूडी के बोर्ड हरे रंग के ही होते हैं।
पीडब्ल्यूडी मुख्यालय ने प्रारंभिक जांच में पाया कि जूनियर इंजीनियर अजय कुमार शुक्ला ने उच्चाधिकारियों के संज्ञान में लाए बिना जिलाधिकारी के आवास का बोर्ड बदलवाया। इसके सोशल मीडिया पर वायरल होने से विभाग की छवि धूमिल हुई। उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली-1999 के तहत उनके खिलाफ जांच के आदेश दे दिए गए हैं। निलंबन अवधि के दौरान शुक्ला कार्यालय, मुख्य अभियंता, अयोध्या से संबद्ध रहेंगे।
गौरतलब है कि नारंगी या केसरिया बीजेपी का आधिकारिक रंग है, जबकि हरा रंग समाजवादी पार्टी का प्रतीक है। जैसे ही नारंगी साइनबोर्ड को बदलकर हरा रंग किया गया, उसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं।