समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान को आज सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिलने के कारण जेल से उनकी रिहाई का रास्ता साफ हो गया है लेकिन, अब सभी की नजरें उत्तर प्रदेश में रामपुर की एमपी एमएलए कोर्ट पर टिक गयी हैं, जहां आज फर्जीवाड़ के एक मामले में आजम को रिमांड पर लेने संबंधी अर्जी पर सुनवाई चल रही है। आजम खान की अंतरिम जमानत अर्जी सुप्रीम कोर्ट से गुरुवार को मंजूर होने पर उनकी रिहाई की संभावना बनी थी। इस बीच रामपुर में आजम खान के तीन रामपुर पब्लिक स्कूल की मान्यता से जुड़े मामले में अभी कुछ दिन पहले ही उनका नाम शामिल किए जाने के चलते थाना कोतवाली सदर के विवेचक ने अदालत से उनकी पुलिस कस्टडी रिमांड मांगी है।
कुछ दिन और टल सकती है आजम की रिहाई
पीसीआर अर्जी पर गुरुवार को रामपुर की एमपी एमएलए कोर्ट में सुनवाई चल रही है। अगर, अदालत आजम खान को कस्टडी रिमांड दे देती है तो फिर उनकी रिहाई कुछ दिन के लिए और टल सकती है। आजम खान पर आरोप है कि उनके द्वारा रामपुर में बनाए गए तीन ‘रामपुर पब्लिक स्कूल’ की मान्यता लेने में बड़ा फर्जीवाड़ किया गया है। पहला आरोप तो यह है कि ये स्कूल सरकार द्वारा घोषित हरित क्षेत्र में बनाए गये। साथ ही मान्यता लेने के लिए कंस्ट्रक्शन एंड डिजाइन सर्विसेज के चेयरमैन की ओर से फर्जी एनओसी लेटर मान्यता में लगाया गया।
कुछ दिन और टल सकती है आजम की रिहाई
पीसीआर अर्जी पर गुरुवार को रामपुर की एमपी एमएलए कोर्ट में सुनवाई चल रही है। अगर, अदालत आजम खान को कस्टडी रिमांड दे देती है तो फिर उनकी रिहाई कुछ दिन के लिए और टल सकती है। आजम खान पर आरोप है कि उनके द्वारा रामपुर में बनाए गए तीन ‘रामपुर पब्लिक स्कूल’ की मान्यता लेने में बड़ा फर्जीवाड़ किया गया है। पहला आरोप तो यह है कि ये स्कूल सरकार द्वारा घोषित हरित क्षेत्र में बनाए गये। साथ ही मान्यता लेने के लिए कंस्ट्रक्शन एंड डिजाइन सर्विसेज के चेयरमैन की ओर से फर्जी एनओसी लेटर मान्यता में लगाया गया।
पिछले 22 महीने से जेल में बंद है आजम खान
सदर कोतवाली के विवेचक ने बताया कि चेयरमैन ने इस एनओसी को जारी करने से इनकार करते हुए कहा कि, दस्तावेजों पर उनके फर्जी हस्ताक्षर बनाये गये हैं। इस मामले में आजम खान का नाम अभी कुछ दिन पहले ही शामिल कर उनके विरुद्ध कुछ गंभीर धाराएं भी लगाई गई हैं। विभिन्न आपराधिक मामलों में पिछले 22 महीने से सीतापुर जेल में बंद आजम को वर्ष 2020 में दर्ज हुए फर्जी मान्यता मामले में आरोपी बनाये जाने के कारण पत्नी डॉ तंजीम फातिमा से साथ जमानत करानी होगी। आजम के साथ विभिन्न मामलों में सहआरोपी डॉ फातिमा जमानत पर पहले ही रिहा हो चुकी हैं।
सदर कोतवाली के विवेचक ने बताया कि चेयरमैन ने इस एनओसी को जारी करने से इनकार करते हुए कहा कि, दस्तावेजों पर उनके फर्जी हस्ताक्षर बनाये गये हैं। इस मामले में आजम खान का नाम अभी कुछ दिन पहले ही शामिल कर उनके विरुद्ध कुछ गंभीर धाराएं भी लगाई गई हैं। विभिन्न आपराधिक मामलों में पिछले 22 महीने से सीतापुर जेल में बंद आजम को वर्ष 2020 में दर्ज हुए फर्जी मान्यता मामले में आरोपी बनाये जाने के कारण पत्नी डॉ तंजीम फातिमा से साथ जमानत करानी होगी। आजम के साथ विभिन्न मामलों में सहआरोपी डॉ फातिमा जमानत पर पहले ही रिहा हो चुकी हैं।