उत्तर प्रदेश के पूर्व राज्यपाल अजीज कुरैशी ने सोमवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान साजिश के तहत अपने लोग भेजकर ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगवाए और हिंसा कराई।
कुरैशी ने कहा, ‘‘ सरकार में बैठे हिटलर के शागिर्दों ने नए नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शनों को हिंसक रूप देने के लिए प्रदर्शनकारियों के बीच अपने लोगों को बैठाकर ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगवाए और तोड़फोड़ तथा आगजनी कराई। उसकी आड़ में पुलिस ने गोलियां चलाईं और यह सुनियोजित तरीके से किया गया।’’ उन्होंने अलीगढ़ और दिल्ली की घटनाओं को लेकर आरोप लगाया कि यह पुलिस की बर्बरता है, उसकी पराजय है।
उन्होंने कहा, ‘‘जब आप नैतिक तौर पर हार मान लेते हैं तभी लाठीचार्ज या गोली चलाते हैं। ’’ कुरैशी ने आरोप लगाया, ‘‘हिंदुस्तान में मुसलमानों को शिकार बनाया जा रहा है और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ तथा भाजपा के दिल में मुसलमानों के लिए शैतानी योजना है। जिस तरह हिटलर ने जनसंहार करने के लिए कैंप बनवाए थे, उसी तरह से केंद्र की भाजपा सरकार डिटेंशन सेंटर बना रही है। यह सब यह मुल्क को बांटने की साजिश है।’’
CAA विरोधी प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प के बाद अलीगढ़ में तनावपूर्ण शांति
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और उनकी पूरी सरकार ने संसद में अपने संख्या बल के बूते नया नागरिकता, कानून पारित कराकर संविधान की आत्मा का कत्ल किया है और इसके जरिए मुल्क के 20 करोड़ लोगों को अलग करने का काम किया है। यह सब भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने का प्रयास है।’’