उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार(6 दिसंबर) को भारत रत्न डॉ. भीमराव आंबेडकर के परिनिर्वाण दिवस पर बाबा साहब को नमन करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने आधुनिक भारत के निर्माण में डॉ आंबेडकर के योगदान को याद किया।
Highlight Points
मुख्यमंत्री योगी ने बुधवार को सबसे पहले हजरतगंज स्थित अटल चौक पर बाबा साहब की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इसके उपरांत मुख्यमंत्री विधानसभा मार्ग स्थित डॉ. आंबेडकर महासभा परिसर पहुंचे। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि आज कुछ लोग समाज को बांटकर देश को कमजोर करने का कार्य कर रहे हैं। हमें ऐसे लोगों से सावधान रहना होगा।
सीएम योगी ने डॉ भीमराव आंबेडकर के विचारों पर बोलते हुए कहा कि बाबा साहब ने कहा था कि हम सबसे सबसे पहले और सबसे अंत में भारतीय है। आज कुछ लोग भारत को कोसते हैं और भारतीयता का अपमान करते हैं। जातीयता के नाम पर समाज में खाई उत्पन्न करने का काम करते हैं। ऐसे लोग सच मायने में बाबा साहब का अपमान करते हैं। बाबा साहब को भी लालच देने का काम हुआ था, मगर बिना झुके और बिना डिगे वे भारत और भारतीयता के लिए काम करते रहे। दुनिया में कहीं भी दबे कुचले समाज को बुलंद करने की बात आती है तो लोगों के दिमाग में बाबा साहब आंबेडकर का नाम आता है।
उन्होंने कहा कि बाबा साहब के सपनों को साकार करने के लिए केंद्र और प्रदेश सरकार अनेक कार्य कर रही है। बाबा साहेब के पंच तीर्थों की स्थापना का कार्य प्रधानमंत्री मोदी ने किया। हमने जाति नहीं बल्कि उसकी आवश्यक्ताओं के आधार पर कार्य किया। 2014 के पहले आवास एक सपना होता था। आज देश के 4 करोड़ लोगों के पास अपना पक्का आवास है। लक्ष्य है कि जो बचे हैं उन्हें भी उपलब्ध कराएंगे। गांव हो या शहर हर दलित, वंचित और गरीब को आवास उपलब्ध कराएंगे। हर घर शौचालय अभियान मैला ढोने की कुप्रथा का उपचार बना। मुख्यमंत्री ने कहा कि दुर्भाग्य से कोरोना अगर 2014 से पहले आता तो क्या हम बच पाते? क्योंकि तब की सरकार के पास कोई दृष्टि नहीं थी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि 1970 में इन्सेफलाइटिस बीमारी आई, जिसके चलते 40 साल में 50 हजार बच्चों की मौत हुई थी। ये बच्चे दलित और अल्पसंख्यक समाज के थे। आज इस बीमारी को पूरी तरह से नियंत्रित कर लिया गया है। ऐसे ही कोरोना में प्रधानमंत्री ने अपने लीडरशिप में हर योजना की निगरानी की। गरीब को राशन उपलब्ध कराना, फ्री में जांच, उपचार और वैक्सीन उपलब्ध कराया गया। ऐसा पूरी दुनिया में कहीं नहीं हुआ। पहले की सरकार चेहरा देखकर कार्य करती थी। कोई दलित समर्थक होता था कोई दलित विरोधी। जो दलित समर्थक थे वो भी उनके नाम पर रोटी सेंकते थे। बाबा साहब ने इनके उत्थान के लिए कार्ययोजना बनाने की बात कही थी, मगर 70 साल तक इन्हे वोट देने से भी वंचित रखा गया।