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चमगादड़ों की मौत का सच आया सामने, कोरोना नहीं बल्कि ब्रेन हेमरेज से गई जान

चमगादड़ों के मरने के कारणों की जांच के लिए उनके शव बरेली के भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) को भेजे गए थे।

पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में कुछ दिन पहले रहस्यमय परिस्थितियों में मरे चमगादड़ों की मौत का सच सामने आ गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार चमगादड़ों कि मौत कोरोना के कारण नहीं दरअसल अत्यधिक गर्मी के चलते ब्रेन हेमरेज के कारण हुई थी। कोरोना संकट के बीच रहस्यमय तरीके से मरे चमगादड़ों को लेकर स्थानीय लोगों में भय उत्पन्न हो गया था।
चमगादड़ों के मरने के कारणों की जांच के लिए उनके शव बरेली के भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) को भेजे गए थे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला है कि सभी चमगादड़ों की मौत अत्यधिक गर्मी होने के कारण ब्रेन हेमरेज से हुई थी। 
आईवीआरआई के निदेशक डॉक्टर आर. के. सिंह ने गुरुवार को बताया कि चमगादड़ों की मौत का कोरोना से कोई लेना-देना नहीं था और उनकी मौत अत्यधिक गर्मी के कारण ब्रेन हेमरेज के चलते हुई थी। चमगादड़ों की रेबीज और कोरोना की भी जाँच आईवीआरआई में करायी गयी, दोनों ही रिपोर्ट निगेटिव आई हैं। 
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उन्होंने बताया कि पिछले दिनों तापमान 45 डिग्री पार कर गया था और गर्मी की प्रचंडता तथा पानी की कमी पशु और पक्षियों के लिए जानलेवा साबित हो रही है। तापमान अधिक होने से पशुओं और पक्षियों में डिहाइड्रेशन की समस्या जाती है। समय से पानी ना मिले तो यह जानलेवा भी हो सकता है। 
गोरखपुर के खजनी रेंज के बेलघाट स्थित एक बाग में पिछले महीने 300 से अधिक चमगादड़ों के मरने की घटना प्रकाश में आयी थी। इसके अलावा पूर्वी उत्तर प्रदेश के बलिया में भी चमगादड़ों की मौत हो गई थी। चालीस डिग्री सेल्सियस के ऊपर का तापमान बर्दाश्त करना चमगादड़ों के लिए आसान नहीं होता। मालूम हो कि पिछले दिनों गोरखपुर और बलिया में बड़ी संख्या में चमगादड़ों की मौत हो गई थी। लोग इसे कोरोना से जोड़कर देख रहे थे।

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