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लोकसभा चुनाव 2019 : देवरिया में भाजपा और गठबंधन के बीच कांटे की लड़ाई

लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण में उत्तर प्रदेश की देवरिया लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) और सपा-बसपा गठबंधन के बीच अब आर-पार की लड़ाई देखने को

लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण में उत्तर प्रदेश की देवरिया लोकसभा सीट पर भाजपा और सपा-बसपा गठबंधन के बीच अब आर-पार की लड़ाई देखने को मिल सकती है। देवरिया लोकसभा क्षेत्र में भाजपा से रमापति राम त्रिपाठी मैदान में हैं, तो गठबंधन से बसपा के विनोद जायसवाल चुनाव मैदान में है।

वहीं, कांग्रेस ने बसपा से पाला बदलकर कांग्रेस में आये नियाज अहमद को मैदान में उतारा है। भाजपा प्रत्याशी गोरखपुर के मूल निवासी हैं जिनके बेटे शरद त्रिपाठी मौजूदा समय में संतकबीरनगर से भाजपा सांसद है। जूता कांड को लेकर चर्चा में आये शरद त्रिपाठी का भाजपा ने उनका टिकट काट कर मामले को सुलझाने के लिए उनके पिता रमापति राम त्रिपाठी को देवरिया से चुनाव मैदान में उतारा है।

टिकट कटने के बाद शरद त्रिपाठी देवरिया लोकसभा क्षेत्र में अपने पिता तथा पार्टी प्रत्याशी रमापति राम का चुनाव प्रचार करने के लिए करीब एक महीने से यहां डेरा डालकर प्रचार की कमान संभालने हैं। देवरिया लोकसभा क्षेत्र में एक जाति के लोग जूता कांड के पिता होने की बात कहकर उनका विरोध भी कर रहे हैं और इसी के तहत शहर में एक जाति के लोगों ने पर्चा बांटकर अपने लोगों से उन्हें मत न देने की भी अपील कर रहे हैं।

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देवरिया रमापति राम त्रिपाठी के वोटों को सहेजने के लिए गृहमंत्री के पुत्र और भाजपा के वरिष्ठ नेता पंकज सिंह यहां कई दिनों तक डेरा डालकर जूता कांड से नाराज एक जाति के मतों को सहेजने के लिए लगे रहे हैं लेकिन इसके बाद भी एक जाति के लोग रमापति का विरोध पर्चा बांटकर कर रहे हैं।

देखना है कि भाजपा और पंकज सिंह एक जाति के लोगों के हो रहे विरोध की खाई को कैसे पाटने का प्रयास करेंगे। यह आनेवाला समय बतायेगा। स्थानीय कुछ जनता का कहना है कि वे इस बार के चुनाव में प्रत्याशी को न देखकर मोदी को देखकर कमल निशान पर वोट करेंगे।

यहां से गठबंधन के प्रत्याशी विनोद जायसवाल सपा, बसपा के परम्परागत वोटों के साथ बनिया वर्ग के कुछ वोटों को अपना मानकर चल रहे हैं।

गठबंधन के प्रत्याशी विनोद जायसवाल के ससुर गोरख जायसवाल 2009 में देवरिया लोकसभा क्षेत्र से बसपा पार्टी से सांसद रह चुके हैं और वे अपने दामाद को यहां से जीत दिलाने के लिए जी, जान से प्रचार और रणनीति बनाने में लगे हुये है।गठबंधन प्रत्याशी ने अपने नामांकन पत्र में अपना पता पटना बिहार का लिखा है लेकिन वे अपने को देवरिया जिले का मूल निवासी बताकर जनता के बीच वोट मांग रहे हैं। विनोद जायसवाल का मकान देवरिया सहित जिले के लार में भी है।

कांग्रेस के उम्मीदवार नियाज अहमद की स्थिति कुछ साफ नजर नहीं आ रही है। देवरिया लोकसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार के अंतिम दिन तक किसी बड़ नेता का आगमन नहीं हो सका है। एक नेता के रूप में मात्र हार्दिक पटेल का कार्यक्रम पथरदेवा में हुआ है। वैसे तो कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा जिले की दूसरी लोकसभा सीट सलेमपुर के अपने उम्मीदवार राजेश मिश्रा के प्रचार के लिए सलेमपुर में आ चुकी हैं।

इसके साथ ही कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर और कांग्रेस के नेता पीएल पुनिया सलेमपुर में ही प्रचार के लिए आ चुके है। लेकिन देवरिया लोकसभा क्षेत्र में अपने प्रत्याशी के पक्ष में हवा बनाने के लिए नहीं आ सके हैं। कुल मिलाकर देखा जाये तो यहां मुख्य लड़ई भाजपा और गठबंधन के बीच देखी जा रही है।

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