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यूपी चुनाव से पहले भाजपा ने चला सियासी दांव, योगी ने दलित कार्यकर्ता के घर पर खाई ‘खिचड़ी’

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव है और सियासी पारा बहुत हाई हुआ पड़ा है। प्रदेश की सत्ता में बैठी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अपने सियासी दांव चल रही है।

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव है और सियासी पारा बहुत हाई हुआ पड़ा है। प्रदेश की सत्ता में बैठी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अपने सियासी दांव चल रही है। इसी कड़ी में मकर संक्रांति पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में दलित परिवार के साथ भोजन किया।  
विधायकों का अदला-बदली जारी है 
40 साल पुराने भाजपा कार्यकर्ता अमृत लाल के घर योगी आदित्यनाथ की जमीन पर बैठकर खाते हुए तस्वीर ऐसे समय पर आई है जब पार्टी से कई पिछड़े नेताओं ने नाता तोड़ लिया है। पिछले 3-4 दिनों में तीन मंत्री समेत एक दर्जन से अधिक विधायकों ने भाजपा का साथ छोड़ दिया है। 
वे यहां सामाजिक मुद्दों पर काम करते रहे हैं- योगी  
योगी आदित्यनाथ ने सहभोज के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा, ”मैं मकर संक्रांति के मौके पर अपने इस अनुसूचित जाति के कार्यकर्ता अमृत लाल भारती और उनके परिजनों को धन्यवाद देता हूं, जिन्होंने मुझे खिचड़ी सहभोज पर अपने घर में आमंत्रित किया। वे यहां सामाजिक मुद्दों पर काम करते रहे हैं।  
राष्ट्रवाद के अभियान को आगे बढ़ाने के लिए समता भोज किया 
आज उन्होंने खिचड़ी सहभोज के कार्यक्रम के माध्यम से सामाजिक समता का और पीएम मोदी के ‘सबका साथ-सबका विकास’ मंत्र को अंगीकार करते हुए विकास, सुशान और राष्ट्रवाद के अभियान को आगे बढ़ाने के लिए समता भोज किया। बाबा साहबे के उस संदेश को जन-जन तक पहुंचाने के अभियान के तहत यह कार्यक्रम हुआ है।” 
हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब योगी आदित्यनाथ ने किसी दलित के घर खाना खाया हो। लेकिन चुनाव से ठीक पहले इस आयोजन के सियासी मायने हैं। बीजेपी प्रतीकों की राजनीतिक का महत्व जानती है और इनके जरिए अपने पक्ष में माहौल बनाने में माहिर मानी जाती है। कहा जा रहा है कि बीजेपी ने चुनाव से ठीक पहले दलित वोटर्स को लुभाने के लिए इस कार्यक्रम का आयोजन किया है। बीजेपी के इस दांव को समाजवादी पार्टी की ओर से ओबीसी वोट में की गई सेंधमारी की काट के तौर पर भी देखा जा रहा है। 
खिचड़ी खाने की परंपरा करीब 40 वर्ष पुरानी है 
मुख्यमंत्री ने अमृत लाल के घर खिचड़ी खाकर सामाजिक समरसता का संदेश दिया। बता दें दलित के घर खिचड़ी खाने की परंपरा करीब 40 वर्ष पुरानी है। मुख्यमंत्री पूर्व में भी इस परंपरा का निर्वहन करते रहे हैं। उनसे पूर्व में ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ इस परंपरा का निर्वहन करते रहे हैं। मुख्यमंत्री के आगमन को लेकर अमृत लाल का परिवार सुबह से उत्साहित था। उनके घर में सुबह से तैयारी की जा रही थी। अमृत लाल भाजपा के पुराने कार्यकर्ता हैं। उनका परिवार करीब 30 वर्षों से गोरखनाथ मंदिर से जुड़ा हुआ है।

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