जेल में निरूध्द सपा नेता आजम खान को लखनऊ की विशेष एमपी/एमएलए अदालत ने बड़ा झटका दिया हैं। एमपी/एमएलए अदालत के अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अमरीश कुमार श्रीवास्तव ने तीन साल पुराने एक आपराधिक मामले में सीतापुर जेल में बंद पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान की जमानत अर्जी खारिज कर दी है।
रिहा किया जाने का कोई औचित्य नही : अदालत
अभियोजन पक्ष की दलीलें सुनने के बाद खान की जमानत अर्जी खारिज करते हुए अदालत ने करते हुए कहा कि आरोपी ने ऐसे तथ्यों को प्रकाशित किया, जो लोकभय उत्पन्न करते हैं, जिससे कोई व्यक्ति या समुदाय लोक शांति को भंग करने के लिए उत्प्रेरित हो सकता है। ऐसी स्थिति में जमानत पर रिहा किए जाने का कोई औचित्य नहीं है।
आजम का तर्क आरोप निराधार
जमानत याचिका में खान ने कहा था कि उनके खिलाफ आरोप निराधार हैं और वह दो साल से जेल में बंद हैं, ऐसे में उन्हें जमानत दी जानी चाहिए।आजम खान भूमि कब्जा करने सहित कई मामलों में फिलहाल सीतापुर जेल में बंद हैं।
गौरतलब है कि आजम खां के खिलाफ इस मामले की शिकायत हजरतगंज थाने में एक फरवरी 2019 वादी अल्लामा जमीर नकवी ने दर्ज कराई थी। आजम खान को सपा ने रामपुर की शहर सीट से प्रत्याशी घोषित किया हैं। जिसके चलते आजम खान ने प्रचार करने के लिए अदालत से रिहा करने की जमानत अर्जी की मांग की थी। लेकिन कोर्ट ने कहा कि जो लोकभय उत्पन्न करते हैं, जिससे कोई व्यक्ति या समुदाय लोक शांति को भंग करने के लिए उत्प्रेरित हो सकता है। ऐसी स्थिति में जमानत पर रिहा किए जाने का कोई औचित्य नहीं है।