यूपी के गाजियाबाद के लोनी बॉर्डर इलाके में बुजुर्ग के साथ मारपीट और अभद्रता का वीडियो वायरल हुए मामले पर राजनीती तेज़ हो गयी है। इसी बिच अब्दुल समद सैफी का एक और बनड़ा बयां सामने आया है। अब्दुल समद सैफी ने पत्रकारों से कहा .मेरी कनपटी पर पिस्तौल लगाई गई, चार लोग थे, डंडे और बेल्ट से मुझे बहुत मारा, मैं उनको नहीं जानता था।
अब्दुल समद सैफी ने कहा कि मुझ पर झूठा इल्जाम लगाया जा रहा है. मैं नहीं जानता मारने वाला कोई मुसलमान था या हिन्दू . ताबीज की बात झूठी है, मैं ताबीज का कोई काम नहीं करता । मुझपर झूठा इल्जाम लगाया जा रहा है. ऐसा इल्जाम कोई भी लगा सकता है, मैं तो मदरसे पर रहता हू । अब्दुल समद सैफी यह भी दवा किया और पुलिस से सवाल किया की , मुझसे ‘जय श्रीराम’ के नारे लगवाए गए , पानी मांगा तो मुझसे पेशाब पीने को कहा. सैफी के साथ खड़े शख्स ने कहा कि इनको मारने के लिए दो बार तमंचा चलाया गया, लेकिन फायर मिस हो गया. आखिर पुलिस ने 307 में एफआईआर क्यों नहीं की? वही दूसरी तरफ यूपी पुलिस कहना है की अब्दुल समद सैफी की पिटाई उनके बेचे हुए ताबीज़ के करण हुई है।