उन्नाव जिले के चर्चित मांखी बलात्कार कांड की पीड़िता द्वारा राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को पत्र लिखे जाने के बाद भाजपा ने बृहस्पतिवार को जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए अपना उम्मीदवार बदल दिया।
भाजपा ने अरुण सिंह को जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए अपना प्रत्याशी घोषित किया था। लेकिन मांखी बलात्कार कांड की पीड़िता ने अरुण को अपने बलात्कार के जुर्म में उम्रकैद की सजा काट रहे पूर्व भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर का करीबी साथी करार देते हुए कहा था कि अरुण को उम्मीदवार बनाए जाने से उसकी जान को खतरा और बढ़ जाएगा।
उसने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर किसी अन्य को भाजपा उम्मीदवार बनाने की मांग की थी, जिसके बाद त्वरित कार्रवाई करते हुए भाजपा ने अपना प्रत्याशी बदल दिया। भाजपा जिलाध्यक्ष राज किशोर रावत ने यहां जारी एक बयान में कहा ''पार्टी नेतृत्व के निर्देश पर अरुण सिंह की उम्मीदवारी समाप्त कर दी गयी है। अब दिवंगत पूर्व विधायक अजीत सिंह की पत्नी शकुन सिंह जिला पंचायत अध्यक्ष पद की प्रत्याशी होंगी।''
उन्नाव जिले के मांखी इलाके की रहने वाली इस युवती ने वर्ष 2017 में उन्नाव की बांगरमऊ सीट से भाजपा विधायक रहे कुलदीप सिंह सेंगर पर बलात्कार का आरोप लगाया था। दिल्ली की एक अदालत ने दिसंबर 2019 में इस मामले में सेंगर को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
पीड़िता ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बृहस्पतिवार को भेजे गए पत्र में उन्नाव जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए भाजपा द्वारा घोषित प्रत्याशी अरुण सिंह को कुलदीप सिंह सेंगर का खास बताते हुए अपने पिता की हत्या और जुलाई 2019 में खुद के साथ रायबरेली में हुए सड़क हादसे की घटना का आरोपी बताया। पीड़िता ने पार्टी नेतृत्व से अरुण के बजाय किसी और को प्रत्याशी बनाने की मांग की थी।
अरुण सिंह नवाबगंज ब्लॉक के निवर्तमान ब्लॉक प्रमुख और औरास द्वितीय से जिला पंचायत सदस्य हैं। पीड़िता ने टेलीफोन पर 'भाषा' से कहा था, "भाजपा और उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार वैसे तो आरोपियों पर कठोर कार्रवाई की बात करती है, लेकिन मेरे मामले में सरकार मेरे पिता की हत्या और मेरे साथ रायबरेली में घटित घटना में नामजद अभियुक्त को अपना जिला पंचायत अध्यक्ष का प्रत्याशी घोषित करती है।"
उसने आरोप लगाते हुए कहा था कि भाजपा सरकार कुलदीप सिंह सेंगर का अब भी साथ दे रही है तथा अगर अरुण सिंह चुनाव जीत गया तो उसकी जान को खतरा और बढ़ जाएगा। पार्टी और सरकार से उसकी मांग है कि अरुण सिंह का टिकट वापस लेकर किसी अन्य को प्रत्याशी घोषित किया जाए।
पीड़िता ने यह भी कहा था कि उसके चाचा पुलिस हिरासत में हैं और पैरोल की मांग कर रहे हैं, मगर कुलदीप सिंह के प्रभाव की वजह से पैरोल नहीं मिल पा रही है। घर में किसी पुरुष सदस्य के न होने से बहनों की शादी रुकी हुई है। उम्मीदवार बदलने के फैसले से पहले प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने पीड़िता के पत्र को लेकर मिर्जापुर में संवाददाताओं से कहा कि उन्हें अभी सूचना मिली है, बाकी जो भी होगा उसपर विचार करके निर्णय लिया जाएगा।