उत्तर प्रदेश में कोरोना के प्रकोप के बीच विपक्ष लगातार राज्य सरकार पर महामारी के खिलाफ प्रबंध को लेकर सवाल उठा रही है। इस बीच अपनी सरकार के खिलाफ बयानबाज़ी कर रहे बीजेपी विधायक मुश्किलें खड़ी कर रहे हैं। सीतापुर के बीजेपी विधायक ने राज्य में कोविड-19 के कारण उपजे हालात से निपटने के तौर तरीकों पर असंतोष जताते हुए आशंका व्यक्त की है कि ऐसा करने पर उन पर राजद्रोह का आरोप लगाया जा सकता है।
सदर सीट से बीजेपी विधायक राकेश राठौर ने सीतापुर में ट्रॉमा सेंटर खोलने के बारे में पूछे जाने पर कहा, ”मैंने कई कदम उठाए हैं, लेकिन विधायकों का कद क्या है? अगर मैं बहुत ज्यादा बोलता हूं, तो मेरे खिलाफ देशद्रोह का आरोप लगाया जा सकता है।” जब उनसे अपने बयान पर सफाई मांगी गई तो उन्होंने कहा, ”क्या आपको लगता है कि विधायक अपने मन की बात कह सकते हैं ? आप जानते हैं कि मैंने पहले भी सवाल उठाए हैं।”
इससे पहले नौ मई को केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक पत्र लिखकर अपने संसदीय क्षेत्र बरेली की स्थिति को लेकर शिकायत की थी और कहा था कि अधिकारी फोन नहीं उठाते और जिले के अस्पतालों से रोगियों को वापस भेज दिया जा रहा है।
उन्होंने इस पत्र में बरेली में आॉक्सीजन सिलेंडरों कमी तथा दवाओं की ऊंची कीमत को भी लेकर शिकायत की थी। एक दिन बाद ही फिरोजाबाद से जसराना के बीजेपी विधायक रामगोपाल लोधी ने दावा किया था कि उनकी कोरोना से ग्रस्त पत्नी को आगरा के एक अस्तपाल में तीन घंटे तक भर्ती नहीं किया गया। इस संबंध में उन्होंने एक वीडियो जारी कर अपनी शिकायत बयां की थी।