उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले जारी दल बदलने के दौर के बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बुधवार को मुलायम सिंह यादव के बेहद करीबी नरेंद्र भाटी समेत समाजवादी पार्टी (सपा) के चार विधान परिषद सदस्यों को शामिल कर लिया। भाजपा के प्रदेश कार्यालय में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और दिनेश शर्मा की मौजूदगी में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह ने सपा के नरेंद्र सिंह भाटी, सीपी चंद्र, रविशंकर सिंह और रमा निरंजन को पार्टी की सदस्यता ग्रहण कराई।
स्वतंत्र देव ने सपा के कद्दावर नेताओं को किया भाजपा में शामिल
इस मौके पर स्वतंत्र देव ने कहा कि भाजपा परिवार का हिस्सा बने चारों एमएलसी सपा के कद्दावर नेता रहे हैं। भाजपा में इनके आने से पार्टी के मजबूत जनाधार को और अधिक व्यापक बनाया जा सकेगा। उन्होंने चारों नेताओं से उनके क्षेत्र में सपा के जमीनी कार्यकर्ताओं को भी भाजपा की नीतियों से जोड़ने की अपील की।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रमुख गुर्जर चेहरों में एक नरेंद्र सिंह भाटी की गिनती सपा के संस्थापक सदस्यों के तौर पर की जाती है। दादरी तहसील के बोड़की गांव निवासी भाटी का भाजपा में शामिल होना सपा के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। 4 बार विधायक रह चुके भाटी फिलहाल सपा के विधान पार्षद है जिनका कार्यकाल अगले साल समाप्त होने वाला है। सूत्रों के मुताबिक सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा की गयी उपेक्षा से खिन्न होकर वह पिछले कुछ समय से भाजपा के संपर्क में थे।
सपा को लगा बड़ा झटका
भाजपा में शामिल होने वाले पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के पौत्र रविशंकर सिंह का बलिया और आसपास के जिलों में खासा प्रभाव माना जाता है। भाजपा में शामिल होने के बाद उन्होंने कहा कि सपा स्वार्थों पर चलने वाली पार्टी है। वह अब देश की सबसे बड़ी पार्टी के कार्यकर्ता है और इस नाते पार्टी के दिशानिर्देश का अक्षरश: पालन करते रहेंगे। पार्टी अगर स्थानीय निकाय एमएलसी चुनाव में टिकट देती है तो वह चुनाव भी लड़गे हालांकि टिकट को लेकर उनकी कोई बात नहीं हुई है।
वर्ष 2016 में विधान परिषद चुनाव में सपा ने ऐन मौके पर सीपी चन्द का टिकट काट दिया था जिसके बाद उन्होंने बगावती तेवर अपनाते हुए चुनाव लड़ने का फैसला किया जिसके एवज में उन्हें निष्काषित कर दिया गया हालांकि चुनाव में जीत के बाद उनका निष्कासन पार्टी ने वापस ले लिया था वहीं झांसी की रमादेवी निरंजन ने अपने पति के साथ भाजपा की सदस्यता ग्रहण की।
भाजपा विधायक राकेश राठौर ने की थी सपा की सदस्यता ग्रहण
गौरतलब है कि पिछली 30 अक्टूबर को भाजपा विधायक राकेश राठौर ने समाजवादी पार्टी (सपा) की सदस्यता ग्रहण की थी। सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने कहा था कि भाजपा के खिलाफ जनाक्रोश का परिणाम है कि राठौर को पार्टी छोड़नी पड़ है। आने वाले समय में भाजपा का सफाया हो जायेगा। पार्टी सूत्रों का मानना है कि आज सपा के 4 विधान परिषद सदस्यों के भाजपा की सदस्यता ग्रहण करना अखिलेश को करारा जवाब है। हालांकि 30 अक्टूबर को बसपा के 6 बागी विधायकों ने भी सपा की सदस्यता ग्रहण की थी।