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BJP यूपी में चुनावी तैयारियों को देगी धार, अमित शाह रविवार से शुरू करेंगे तूफानी प्रचार-प्रसार

अमित शाह 26 दिसंबर से उत्तर प्रदेश में ताबड़तोड़ जनसभायें कर विधानसभा चुनाव के लिये पार्टी के पक्ष में माहौल तैयार करेंगे।

उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अपनी चुनावी रणनीति पर तेजी से काम कर रही है। इसी कड़ी में केन्द्रीय गृह मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मुख्य रणनीतिकार अमित शाह 26 दिसंबर से उत्तर प्रदेश में ताबड़तोड़ जनसभायें कर विधानसभा चुनाव के लिये पार्टी के पक्ष में माहौल तैयार करेंगे। शाह रविवार से अगले छह दिनो तक 10 जिलों का दौरा करेंगे। 
शाह विपक्षी दलों की खामियां भी उजागर करेंगे 
इस दौरान वह जनता के बीच जाकर केन्द, की नरेन्द्र मोदी और उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की उपलब्धियां गिनाने के साथ साथ विपक्षी दलों की खामियां भी उजागर करेंगे। भाजपा के पूर्व अध्यक्ष दौरे की शुरूआत 26 दिसंबर को कासगंज और जालौन से होगी जबकि 28 दिसंबर को वह हरदोई, सुल्तानपुर और भदोही में जनसभायें करेंगे। केन्द्रीय गृह मंत्री 30 दिसंबर को मुरादाबाद में जनसभा को संबोधित करने के बाद लखनऊ आयेंगे जहां से वह उन्नाव का दौरा करेंगे। साल के अंतिम दिन यानी 31 दिसंबर को शाह पूर्वी उत्तर प्रदेश के संतकबीर नगर में जनसभा करेंगे और बाद में बरेली में रोड शो को अंजाम देंगे।  
पिछले चुनावों में अपना दल को दो सीटें मिली थी 
विधानसभा चुनाव के मद्देनजर शाह का यूपी दौरा भाजपा के लिहाज से बेहद अहम माना जा रहा है। प्रदेश की भागौलिक और राजनीतिक परिस्थितियों के खासे जानकार शाह की अगुवाई में भाजपा ने 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रदेश में 80 में से 71 सीटों पर फतह हासिल की थी जबकि उसकी सहयोगी अपना दल को दो सीटें मिली थी। सपा को सिर्फ पांच और कांग्रेस को दो सीटों पर संतोष करना पड़ था जबकि बसपा और रालोद का खाता भी नहीं खुला था। 
शाह की रणनीति का विपक्ष ने 2017 के विधानसभा चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनाव में भी लोहा माना था। 2017 में सपा और कांग्रेस की जुगलबंदी भी भाजपा के आगे बौनी पड़ गयी थी, जबकि भाजपा गठबंधन ने आसानी से दो तिहाई बहुमत हासिल कर लिया था। 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के चाणक्य ने उत्तर प्रदेश में चुनाव की बागडोर संभाली थी जिसकी बदौलत यूपी में भाजपा के खाते में 62 सीटें आईं थी, जबकि साथ मिलकर चुनाव लड़ने वाले सपा को पांच और बसपा को 10 सीटों पर संतोष करना पड़ था वही भाजपा की सहयोगी अपना दल को दो सीटों पर जीत मिली थी।

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