भाजपा यूपी में नेतृत्व बदलने का नहीं उठाएगी जोखिम, मनमुटाव और टकराव की खबरों को बताया अफवाह - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

भाजपा यूपी में नेतृत्व बदलने का नहीं उठाएगी जोखिम, मनमुटाव और टकराव की खबरों को बताया अफवाह

कोरोनाकाल के दौरान भी उत्तर प्रदेश की राजनीति का सियासी तापमान चढ़ा हुआ है। भाजपा में सरकार और संगठन में फेरबदल की चर्चा जोर पकड़ रही थी।

कोरोनाकाल के दौरान भी उत्तर प्रदेश की राजनीति का सियासी तापमान चढ़ा हुआ है। भाजपा में सरकार और संगठन में फेरबदल की चर्चा जोर पकड़ रही थी। लेकिन प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव और प्रभारी राधामोहन सिंह ने सारे कयासों को सिरे से नकार दिया है। पार्टी के सूत्र बताते हैं कि अब तक किसी भी स्तर पर मुख्यमंत्री चेहरे में बदलाव को लेकर न तो चर्चा हुई है और न ही इसकी कोई संभावना है। अब चुनाव के महज कुछ माह बचे हैं ऐसे में पार्टी सरकार और संगठन में बड़ा फेरबदल का कोई जोखिम नहीं ले सकती है। 
प्रदेश अध्यक्ष पार्टी की वर्चुअल बैठकों में भी पार्टीपदधिकारियों को लगातार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में ही चुनाव में जाने की बात व किसी भी प्रकार के भ्रम में न रहने की हिदायत भी दे रहे हैं। पिछले 15 दिन से जारी सियासी घमासान के बीच लगातार चल रही कयासबाजी के अब खत्म होने की उम्मीद है। जानकार संगठन व सरकार में किसी भी बदलाव को नकारने के लिए सियासी तर्क भी दे रहे हैं। 
भाजपा कई मायनों में पंचायती व्यवस्था वाली पार्टी है, ऐसे में मंत्रिमंडल में किसी भी बदलाव का असर संगठन व दूसरे मंत्रियों पर पड़ना स्वाभाविक है। केवल खाली पदों को भरने से काम नहीं चलने वाला। यहां समायोजन की व्यवस्था बड़ा मायने रखती है। जिसे हटाएंगे उसके उचित समायोजन पर भी ध्यान रहेगा। सामाजिक और जातिगत गणित का ध्यान रखने के चलते इस समय ऐसा समन्वय बिठा पाना कठिन होगा जब चुनाव सर पर हों। 
सियासी पंडितों का अनुमान है कि मंत्रिमंडल में बदलाव से सियासी नुकसान का अंदेशा है। मुख्यमंत्री पर किसी भी प्रकार का दाग नहीं है। ऐसे में किसी को भी हटाये जाने से जनता में गलत संदेश जाने का अंदेशा है। चुनाव में भी समय कम बचा है ऐसे में बदलाव हुआ तो भी उसका सियासी संदेश साफ तौर पर नहीं पहुंचेगा, जिससे केवल भ्रम की स्थिति ही रहेगी, जो न ही मुख्यमंत्री की छवि के लिए बल्कि संगठन के लिए भी नुकसानदायक ही साबित होगा। ऐसे में पार्टी या सरकार किसी भी रिस्क को लेने से बचेगी ही। 
यूपी जातिगत आधार पर काफी जटिलता वाला प्रदेश है ऐसे में केवल योग्यता, किसी का बहुत करीबी होना ही मंत्रिमंडल या सरकार में एडजस्ट होने की कसौटी नहीं हो सकता। सामाजिक-जातिगत समीकरणों के बहुत मायने हैं। उदाहरण के तौर पर अरविंद कुमार शर्मा को ही ले लें, उन्हें अनुभव हो सकता है लेकिन जातिगत आधार पर वे मंत्रिमंडल में तत्काल फिट हो जाएं ऐसा संभव नहीं है। उन्हीं की भूमिहार जाति के दो नेता सूर्य प्रताप शाही व उपेंद्र तिवारी सरकार में मंत्री हैं और कोटे के लिहाज से तीसरे भूमिहार की जगह अभी मुश्किल है। 
केवल दबाव की राजनीति की आखिरी कोशिश के तौर पर ही देखते हैं। उनके मुताबित चलते-चलते ऐसा करने से समायोजन से चूके या हार गए कुछ नेताओं के अच्छे दिन आ सकते हैं। उन्हीं की ओर से यह प्रोपोगेंडा चलाया गया। इन सब बातों के बावजूद सरकार या संगठन फिलहाल कोई रिस्क लेने के मूड में भी नहीं दिखाई दे रहा है। खुद प्रदेश अध्यक्ष अब खुलकर बोल रहे हैं, प्रभारी राधा मोहन सिंह भी मंत्रिमंडल की बात को मुख्यमंत्री योगी का विशेषाधिकार बता रहे हैं। मतलब साफ तौर पर बने माहौल को शांत रखने की कवायद की जा रही है। 
भाजपा को बहुत करीब से देखने वाले विश्लेषक पीएन द्विवेदी कहते हैं जब चुनाव को कुछ माह बचे हैं। ऐसे पार्टी यूपी के शीर्ष नेतृत्व में बदलाव करने का जोखिम नहीं लेगी। जातिगत और दूसरे समीकरणों के लिहाज से मंत्रिमंडल या संगठन में छोटे मोटे बदलाव भले ही कर दें। लेकिन मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष लेवल पर बदलाव के बिल्कुल भी आसार नहीं हैं। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

4 + eighteen =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।