लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

लोकसभा चुनाव पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

BKU ने उत्तर प्रदेश चुनाव से पहले नई कार्यकारी परिषद की घोषणा की, जादौन ने जिला अध्यक्षों का ऐलान किया

देश का बड़ा किसान संगठन भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) ने शुक्रवार को अपनी कार्यकारी में बहुत बड़ा बदलाव किया। भाकियू ने उत्तर प्रदेश में अपनी नई टीम का ऐलान किया है।

देश का बड़ा किसान संगठन भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) ने शुक्रवार को अपनी कार्यकारी में बहुत बड़ा बदलाव किया। भाकियू ने उत्तर प्रदेश में अपनी नई टीम का ऐलान किया है, जो आगामी विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखकर लिया  गया। गौरतलब है कि भाकियू ने केन्द्र सरकार के कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे आंदोलन की पृष्ठभूमि में उत्तर प्रदेश इकाई को तीन महीने पहले भंग कर दिया था।
12 जुलाई को उत्तर प्रदेश में अपनी सभी इकाइयां भंग कर दी 
भाकियू के मीडिया प्रभारी धर्मेन्द्र मलिक ने बताया कि मुजफ्फरनगर से संचालित किसान संगठन ने 12 जुलाई को उत्तर प्रदेश में अपनी सभी इकाइयां भंग कर दी थीं। भाकियू की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष राजवीर सिंह जादौन के अलावा अन्य सभी पदाधिकारियों को उनकी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया गया था।
1634903162 kisan
जादौन ने किया ऐलान
जादौन ने शुक्रवार को मेरठ, मुरादाबाद, बरेली, लखनऊ, झांसी, चित्रकूट, कानपुर, बस्ती, देवीपाटन, वाराणसी और इलाहाबाद इकाइयों के लिए अध्यक्षों की घोषणा की। उन्होंने इन संभागों में सभी जिलों के अध्यक्षों की भी घोषणा की। नरेश टिकैत की अध्यक्षता वाली भाकियू केन्द्र के कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे आंदोलन का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा का हिस्सा है।
दिल्ली के सिंघू, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर नवंबर 2020 से ही सैकड़ों की संख्या में किसान विवादित कानूनों को वापस लेने और फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी दिए जाने की मांग कर रहे हैं।
नवंबर 2020 से जारी है किसानों का आंदोलन
उधर, नवंबर 2020 से ही हजारों किसान दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं। ये किसान मोदी सरकार की ओर से बनाए गए तीन कृषि कानूनों को रद्द करके एमएसपी गांरटी का कानून बनाने की मांग कर रहे हैं। सरकार से कई दौर की बातचीत विफल रही है। सरकार कानूनों में संशोधन को तैयार है, लेकिन किसान संगठन कानूनों को काला बताते हुए इन्हें रद्द करने की मांग पर अड़े हुए हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

3 × one =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।