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नरेंद्र गिरि के पार्थिव शरीर का प्रयागराज के संगम में हुआ स्नान, अंतिम दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़

साधु-संतों की सर्वोच्च संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष मंहत नरेंद्र गिरी की अंतिम यात्रा का दर्शन करने के लिए सड़कों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी।

साधु-संतों की सर्वोच्च संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष मंहत नरेंद्र गिरी की अंतिम यात्रा का दर्शन करने के लिए सड़कों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। पोस्टमार्टम के बाद श्रीमठ बाघम्बरी गद्दी लाए जाने के बाद महंत के पार्थिव शरीर का श्रृंगार किया गया फिर फूलों से सजे वाहन में पार्थिव शरीर को रखकर अंतिम यात्रा निकाली गयी। अंतिम यात्रा को दारागंज होते हुए संगम ले जाया गया। वहां उनके पार्थिव शरीर पर गंगा जल का छिडकाव करने के बाद वापसी में किला के निकट स्थित बड़े  हनुमान मंदिर के पास लोगों के दर्शनार्थ यात्रा को थोड़ी देर रोककर पुन: मठ बाघम्बरी गद्दी लाया गया। 
श्रद्धांजलि यात्रा के लिए सजे वाहन पर सबसे ऊपर माला फूल से सुसज्जित महंत नरेंद्र गिरी का एक बड़ा चित्र लगाया गया है। श्रद्धांजलि यात्रा में तपोनिधि निरंजनी अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज, सचिव रविंदर पुरी, तपोनिधि निरंजनी के सहयोगी आनंद अखाड़ा के पीठाधीश्वर स्वामी बालकानंद गिरि समेत अनेक बड़े संत, दूसरे शहरों से पहुंचे बड़ी संख्या में संत महात्मा और मठ से जुड़े उनके शिष्य शामिल रहे। श्रद्धांजलि यात्रा का दर्शन करने के लिए सड़कों पर अनुयायी, श्रद्धालुओं की बड़ी भीड़ उमड पड़ी। 
श्रद्धाजंलि यात्रा के आगे ट्रैक्टर पर ढोल और नगाडे के बीच महंत नरेंद्र गिरी की शव यात्रा निकाली गयी। इस दौरान मंत्रो का उच्चारण भी किया जा रहा था। यात्रा में तपोनिधि निरंजनी अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज, सचिव रविंदर पुरी, तपोनिधि निरंजनी के सहयोगी आनंद अखाड़ा के पीठाधीश्वर स्वामी बालकानंद गिरि समेत बड़ी संख्या में अनेक सन्यासी साथ चल रहे थे। अंतिम यात्रा में महंत के दर्शन को भीड़ उमड़ पड़ी।

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