लखनऊ : गौतमबुद्धनगर (ग्रेटर नोएडा) के शाहबेरी क्षेत्र में कल रात दो इमारतों के ढहने की घटना को लेकर शोक व्यक्त करते हुए उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजबब्बर ने मृतकों के परिजनों को बीस-बीस लाख रूपये एवं घायलों को निःशुल्क इलाज एवं दस-दस लाख रूपये का आर्थिक मुआवजा प्रदान किये जाने की मांग की है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने आज एक बयान में इस दुःखद घटना पर रोष व्यक्त करते हुए कहा कि यह क्षेत्र ग्रीन बेल्ट में आता है और किसी भी प्रकार के निर्माण कराये जाने पर पूरी तरह रोक है।
सवाल यह उठता है कि इसके बावजूद किसकी शह पर वह निर्माण हो रहा था। राजबब्बर ने कहा कि रियल इस्टेट रेगुलेशन एक्ट (रेरा) को प्रदेश सरकार सख्ती से लागू नहीं कर रही है। जिसका दुष्परिणाम यह है कि ग्रीन बेल्ट क्षेत्र घोषित होने के बावजूद बिल्डर और प्रशासन की आपसी मिलीभगत के चलते मानकों के विपरीत इस तरह की इमारतें बन रही हैं, इससे सरकार और बिल्डरों के बीच सांठगांठ जाहिर होती है।
उन्होंने कहा कि प्रशासन की नाकामी के कारण समय से राहत कार्य शुरू नहीं हो पाया। यही कारण है कि रात्रि में साढे आठ बजे की घटना होने के बावजूद सुबह एनडीआरएफ की टीम वहां पहुंची। यदि यह रात्रि में ही पहुंचती तो लोगों की जान बचायी जा सकती थी। उन्होंने कहा कि शाहबेरी में ज्यादातर इलाका ग्रीन बेल्ट में आता है लेकिन वहां कैसे बिल्डर निर्माण करा रहे हैं यानी कहीं न कहीं बिल्डर लॉबी को सरकार का संरक्षण है।
योगी सरकार ने एनसीआर में 50 हजार फ्लैट खरीददारों को राहत दिलाने के लिए तीन मंत्रियों की एक कमेटी बनाई थी तब कहा था कि तीन महीने में फ्लैट पर कब्जा मिल जायेगा लेकिन आज तक कब्जा उन खरीददारों को नहीं मिल पाया है। इससे लगता है कि बिल्डर लॉबी के आगे सरकार नतमस्तक हो गई है। राजबब्बर ने मांग की है कि इस दुःखद घटना की जांच कराकर दोषियों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जाये और इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति रोकने के लिए सरकार कठोर कदम उठाये। गौरतलब है कि गौतमबुद्धनगर (ग्रेटर नोएडा) के शाहबेरी क्षेत्र में निर्माणाधीन छह मंजिला इमारत के बगल की चार मंजिला इमारत पर गिरने से मलबे में दबकर तीन लोगों की मृत्यु हो गई और कई लोग घायल हो गये।