उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में हुए आरुषि गैंगरेप और हत्याकांड में बड़ा फैसला आया है। कोर्ट ने मामले में तीनों आरोपियों पर अर्थदंड सहित फांसी की सजा सुनाई है। पॉक्सो कोर्ट ने तीनों गुनहगारों को फांसी की सजा सुनाई है। दो वर्ष बाद मिले इस इंसाफ को छात्रा के पिता और माता ने न्याय की जीत करार दिया है।
साल 2018 में चलती कार में हुए इस गैंगरेप और हत्याकांड ने उत्तर प्रदेश की सियासत में भूचाल ला दिया था। प्रदेश में हुई इस घटना से देशवासियों को स्तब्ध कर दिया था। 2 जनवरी 2018 को नगर के चांदपुर रोड की रहने वाली इंटरमीडिएट की 17 वर्षीय छात्रा का कार सवार तीन युवकों ने अपहरण कर लिया था।
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छात्रा को अगवा कर गैंगरेप के बाद उसकी हत्या कर शव को दादरी ले जाकर नहर में फेंक दिया गया था। इस मामले में पुलिस ने सिकंदराबाद क्षेत्र के रहने वाले दिलशाद, इजराइल तथा जुल्फिकार को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। पुलिस ने जांच पूरी कर तीनों आरोपियों के खिलाफ पॉक्सो कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल कर दिया गया था।
अपर सत्र न्यायाधीश/ पॉस्को एक्ट राजेश पाराशर ने तीनों आरोपियों को नाबालिग छात्रा को अगवा कर उसके साथ गैंगरेप कर हत्या करने का दोषी करार दिया था। बुधवार को न्यायाधीश ने केस में फैसला सुनाते हुए तीनों अभियुक्तों को फांसी और अर्थदंड की सजा सुनाई। मृतका के पिता और माता ने इसे न्याय की जीत करार दिया है।