उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार शाम को कहा कि भारत व इज़राइल के सम्बन्ध बहुत पुराने हैं। उन्होंने कहा कि उत्तरप्रदेश इज़राइल के साथ अपने सम्बन्ध और मजबूत करना चाहता है, जिससे भारत और इज़राइल के सम्बन्धों में और प्रगाढ़ता आएगी।
इज़राइल के राजदूत रोन मलका ने गुरुवार को यहां देर शाम लोक भवन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की कृषि, जल संरक्षण एवं रीचार्जिंग, पेयजल आपूर्ति, जल पुनर्चक्रण, सिंचाई, पुलिस आधुनिकीकरण, खाद्य प्रसंस्करण आदि क्षेत्रों में इज़राइली अनुभव तथा तकनीक के इस्तेमाल से काफी लाभ उठाया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि इज़राइली तकनीक का इस्तेमाल करते हुए जल आपूर्ति के पायलट प्रोजेक्ट चलाए जाएं। उन्होंने पुलिस आधुनिकीकरण में इज़राइली तकनीक का इस्तेमाल करते हुए अत्याधुनिक कण्ट्रोल रूम और कमाण्ड सिस्टम स्थापित करने पर भी बल दिया।
एक सरकारी प्रवक्ता ने देर रात एक बयान मे बताया कि मुख्यमंत्री योगी ने इज़राइल के राजदूत को कृषि प्रबन्धन, कृषि विपणन, रक्षा कोरीडोर, सिंचाई एवं फसल प्रबन्धन, भूगर्भ जल, कौशल विकास, डेयरी, अवस्थापना विकास, अंतर्देशीय जल मार्ग, एक्सप्रेस-वे निर्माण में सहभागिता के लिए आमंत्रित किया। इन क्षेत्रों में इज़राइल की तकनीक और उनके अनुभव से काफी लाभ उठाया जा सकता है। इनमें भारत और इज़राइल के सहयोग से उत्तर प्रदेश बड़े पैमाने पर लाभान्वित हो सकता है।
इस अवसर पर इज़राइल के राजदूत ने कहा कि भारत इज़राइल का सामरिक (स्ट्रैटिजिक) भागीदार है। उनका देश भारत की हरसम्भव सहायता करेगा। इज़राइल उत्तर प्रदेश में एक ‘फ्लैगशिप प्रोग्राम’ स्थापित करना चाहता है। उत्तर प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में तकनीकी सहायता उपलब्ध कराने के लिए उनका देश तत्पर है।
उन्होंने बुन्देलखण्ड क्षेत्र के लिए जल संरक्षण तथा भूगर्भ जल रीचार्जिंग के सम्बन्ध में व्यापक व्यवहार्यता रिपोर्ट तैयार करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि बुन्देलखण्ड की भौगोलिक परिस्थितियां और जल स्रोतों की स्थिति इज़राइल से काफी मिलती-जुलती हैं। ऐसे में इज़राइल बुन्देलखण्ड क्षेत्र में जल की उपलब्धता बढ़ाने, भूगर्भ जल की रीचार्जिंग तथा अन्य जल स्रोतों के रख-रखाव में काफी मदद कर सकता है।
इज़राइल के राजदूत मलका ने कहा कि उनका देश उपलब्ध जल का 94 प्रतिशत रीसाइकिलिंग इत्यादि से इस्तेमाल में लाता है, अर्थात वहां पर जल की बर्बादी लगभग न के बराबर है।
उन्होंने सितम्बर, 2019 में तेल अवीव में होने वाले रक्षा सम्मेलन तथा नवम्बर, 2019 में इज़राइल में जल संरक्षण पर आयोजित होने वाले सम्मेलन में भाग लेने के लिए मुख्यमंत्री योगी को आमंत्रित किया।