उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में तीर्थ यात्रा पर आए एक परिवार की चार महिलाओं और तीन बच्चों को शुक्रवार तड़के एक तेज रफ्तार बस ने रौंद डाला, जिससे सातों की मौत हो गई। इस दर्दनाक घटना के शिकार लोग सड़क किनारे सो रहे थे, जब बस ने उन्हें कुचल दिया। शुरुआती रिपोटरें के अनुसार, पीड़ित हाथरस के थे और गंगा नदी में स्नान करने के बाद नरौरा घाट से लौटे थे।
निजी बस वैष्णो देवी से तीर्थयात्रियों के साथ लौट रही थी। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वैष्णो देवी के दर्शन करने के बाद तीर्थ यात्रियों की बस रात करीब डेढ़ बजे नरोरा लिंक मार्ग पर पहुंची। चालक ने बस को वहां रोक दिया।
उन्होंने बताया कि इस हादसे में हाथरस निवासी महेंद्रकी 65 वर्षीय पत्नी फूलमती, उदयवीर की पत्नी 32 वर्षीय माला देवी और उसकी तीन साल की बेटी कल्पना के अलावा फिरोजाबाद दक्षिण निवासी सरनाथ सिंह की 35 वर्षीय पत्नी सावित्री और पांच सात्र की पुत्री योगिता के अलावा अलीगढ़ निवासी जितेंद्र कुमार की पत्नी 22 वर्षीय रेनू और चार साल की बेटी कुमारी संजना की मृत्यु हो गई।
इस दौरान तीन महिलाएं अपनी पुत्रियों के साथ जबकि एक बुजुर्ग महिला भी उनके साथ सड़क किनारे सो गई। कुछ देर बाद एक दूसरी तीर्थ यात्रियों की बस के चालक ने गंगा घाट जाने के लिए बस मोड़ी और आगे बड़ी उसे सड़क किनारे सो रहे तीर्थयात्रियों को नहीं देखा और उन्हें कुचल दिया।
इस सिलसिले में विधिक कार्रवाई की जा रही है। पुलिस ने कहा कि दुर्घटना के बाद बस का चालक फरार है। सभी शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।