उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने रविवार को आरोप लगाया कि समाजवादी पार्टी और उसके मुखिया अखिलेश यादव नागरिकता संशोधन कानून के विरोध के नाम पर दंगाईयों और उपद्रवियों को भड़का रहे हैं। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने कहा कि सपा और उसके नेता इस कानून को लेकर लगातार भ्रम फैला रहे हैं कि इससे मुसलमानों की नागरिकता खत्म हो जायेगी। सपा मुखिया के परिवार में ही इस मामले को लेकर एकमत नहीं है। परिवार की बहू अपर्णा यादव ने इस कानून का समर्थन किया है।
उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव जानबूझकर राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनसीआर ) और नागरिकता संशोधन कानून को एक बता रहे हैं ताकि भ्रम बना रहे जबकि दोनों अलग अलग चीजे हैं। दिनेश शर्मा ने कहा कि कानपुर में कल और 20 दिसम्बर को हुई हिंसा में सपा के नेता उपद्रवियों के साथ दिखाई दे रहे थे। कानपुर में कल हुए उपद्रव और आगजनी में प्रतिबंधित संगठन सिमी का हाथ बताया जा रहा है। संगठन का नेता अभी फरार है और उसकी गिरफ्तारी का प्रयास किया जा रहा है।
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उन्होंने कहा कि उपद्रव और हिंसा में अवैध असलहों का जमकर इस्तेमाल किया गया। पुलिस को उपद्रव की जगह से देशी कट्टे और जिंदा कारतूस मिले हैं। मतलब साफ है कि दंगाई पूरी तैयारी के साथ आये थे। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार की नीयत इस मामले में पूरी तरह साफ है और देश के हर नागरिक की सुरक्षा देना उसकी जिम्मेवारी है। प्रधानमंत्री और गृह मंत्री अमित शाह साफ कर चुके हैं कि यह कानून बांग्लादेश,पाकिस्तान और अफगानिस्तान में धार्मिक रूप से सताए गए लोगों हिंदू,सिख जैन समेत गैर मुस्लिमों को नागरिकता देने के लिए है।
दिनेश शर्मा ने राज्य के लोगों से इसका विरोध कर रहे राजनीतिक दलों के झांसे में नहीं आने की अपील की और कहा क इन दलों का मकसद अस्थिरता पैदा करना है।