उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में सहकारी समिति के निलंबित सचिव संतोष पाण्डेय के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है। निलंबित सचिव पर मृतक किसान के नाम पर लाखों रुपये का धान बेचने का आरोप है। यह कार्रवाई मृतक किसान के पुत्र की शिकायत पर जिलाधिकारी द्वारा कराई गई जांच मे दोषी पाए जाने के बाद की गई है। इस तरह के मुकदमा पहले भी इस सचिव पर दर्ज हो चुके हैं।
गौरतलब है कि बीते दिनो मृतक किसान सुभाष पाण्डेय के पुत्र सच्चिदानंद को गोपालगढ़ सहकारी समिति के निलंबित सचिव सन्तोष पाण्डेय के कारस्तानी की जानकारी हुई तो उन्होंने जिलाधिकारी एसराज लिंगम को प्रार्थना पत्र देकर मामले की जांच कराकर दोषी के विरुद्ध कार्रवाई करने की गुहार लगाई थी।
जिलाधिकारी एस राज लिंगम को दिए गए पत्र मे जिले में कसया तहसील क्षेत्र के परासखांड गाँव के निवासी सचितानन्द पाण्डेय ने बताया कि उसके पिता के नाम अपने ग्राम सभा मे 1.9190 हेक्टेयर जमीन है जिस पर पिता खेती करते थे। उनकी मौत के बाद यह जमीन तीन भाइयों का नाम दर्ज है।
अपने धान को सरकारी क्रय केंद्र पर बेचने के लिए जब वह पंजीकरण कराने गया तो पता चला कि उसी गाँव के निवासी व अपने कारगुजारी को लेकर निलंबित चल रहे गोपालगढ सहकारी समिति के प्रभारी चिव संतोष कुमार पाण्डेय ने उनके जमीन पर खुद को बटाईदार दिखाकर खाद्य विभाग के पोर्टल पर अपना किसान पंजीकरण करवा लिया है।
पंजीकृत किसान के रुप मे निलंबित सचिव ने कसया क्षेत्र के धान क्रय केंद्र सिसवा धोकरहा पर 15 दिसम्बर को 50 कुन्तल और 18 दिसम्बर को 43 कुन्तल फर्जी तरीके से धान की बिक्री कर एक लाख 73 हजार सात सौ चौबीस रुपये की सरकारी धनराशि अपने कसया स्थित इलाहाबाद बैंक के खाते में प्राप्त कर लिया है।
मृतक किसान के पुत्र के शिकायती पत्र को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी ने पुरे प्रकरण की जांच का आदेश दिया जिसमे संतोष के खिलाफ दोष सिद्ध होने के बाद अपर जिला सहकारी अधिकारी राधेश्याम सिंह के तहरीर पर कसया थाने की पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है।