गोरखपुर के एक होटल में कानपुर कारोबारी मनीष गुप्ता की मौत के सिलसिले में उत्तर प्रदेश के छह पुलिसकर्मियों के खिलाफ आरोप-पत्र दायर किया है जिसमें उनके खिलाफ साजिश रचने और हत्या के आरोप लगाए गए हैं।अधिकारियों ने लखनऊ की विशेष सीबीआई अदालत में दायर आरोप-पत्र में, सीबीआई ने छह पुलिसकर्मियों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या), 201 (सबूत नष्ट करना) सहित अन्य के साथ भादंसं की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) और 34 (सामान्य मंशा) लगाया है।
उन्होंने बताया कि गोरखपुर के रामगढ़ ताल थाने के पुलिसकर्मियों ने पिछले साल 27 सितंबर की आधी रात को गुप्ता के होटल के कमरे में कथित तौर पर घुसकर मारपीट की थी, जिससे उनकी मौत हो गई थी।सीबीआई ने मामले में छह पुलिस अधिकारियों- तत्कालीन थाना प्रभारी (एसएचओ) जगत नारायण सिंह, तत्कालीन उप निरीक्षक अक्षय कुमार मिश्रा, विजय यादव, राहुल दुबे, तत्कालीन हेड कांस्टेबल कमलेश सिंह यादव और कॉन्स्टेबल प्रशांत कुमार को आरोपित किया है।आरोप है कि 27 सितंबर को गुप्ता ने रामगढ़ ताल पुलिस थाने के अंतर्गत आने वाले गोरखपुर के होटल के कमरे में चेक इन किया।
उन्होंने कहा, “आरोप यह भी है कि 27 और 28 सितंबर, 2021 की दरम्यानी रात करीब 12:00 बजे थाना प्रभारी दो उपनिरीक्षक और तीन अन्य पुलिस कर्मियों के साथ उक्त होटल के कमरे में घुसे और मनीष गुप्ता के साथ बदसलूकी करने लगे।
जोशी ने कहा कि यह भी आरोप है कि गुप्ता के विरोध के बाद उन्होंने उन्हें पीटना शुरू कर दिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्होंने बताया कि गुप्ता की मौके पर ही मौत हो गई।
आपको बता दे कि इस मामले के बाद योगी सरकार की साख दांव पर लग गयी थी। घटना ने सियासी उबाल पकड़ लिया था। उत्तर प्रदेश पुलिस की छवि को कठघरे में खड़ा किया गया था। सरकार ने निष्पक्ष जांच के लिए घटना की जांच सीबीआई को सौंप दी थी। सीबीआई ने आज सभी 6 आरोपी पुलिस कर्मियों के खिलाफ लखनऊ की स्पेशल सीबीआई कोर्ट में आरोप पत्र दायर कर दिया हैं। आरोप पत्र में सभी 6 पुलिस कर्मियों के खिलाफ हत्या का आरोप लगाया हैं।
घटना पर सियासत ने पकड़ा था तूल
इस घटना के बाद योगी सरकार को विरोधियों ने जमकर कोसा था। जिससे निहतार्थ सरकार ने मामले को कवर करते हुए दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ एफआईआर कर मामला सीबीआई को सौंप दिया था। सभी प्रमुख विपक्षी दलों ने कानपुर की इस गंभीर घटना पर सरकार की नीति को तानाशाह बताकर घेरा था।