बांदा बाल यौन शोषण कांड में सीबीआई ने चार पीड़ित बच्चों के बयान कोर्ट में दर्ज करवाए हैं। मामले में सीआरपीसी की धारा-164 के तहत सिंचाई विभाग के जूनियर इंजीनियर रामभवन और उसकी पत्नी दुर्गावती के खिलाफ ये बयान दर्ज हुए हैं। पिछले साल 18 नवंबर से दोनों बांदा की जेल में बंद हैं।
पॉक्सो कोर्ट में सहायक शासकीय अधिवक्ता (एडीजीसी) मनोज दीक्षित ने गुरुवार को बताया कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के उपाधीक्षक (सीओ) और मामले के जांच अधिकारी अमित कुमार अन्य अधिकारियों के साथ बुधवार को बेहद गोपनीय तरीके से पीड़ित चार बच्चों को कोर्ट में लेकर आए।
दीक्षित ने बताया कि सीबीआई अधिकारी ने सिविल जज (जूनियर डिवीजन) अनुजा सिंह की कोर्ट में करीब चार बजे शाम को अलग-अलग पीड़ित बच्चों को पेशकर सीआरपीसी की धारा-164 के तहत बयान दर्ज करवाए हैं। अभी और कई पीड़ित बच्चों के बयान दर्ज करवाए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि सीबीआई के सीओ अमित कुमार ने बाल यौन शोषण के आरोप में 18 नवंबर 2020 से बांदा की जेल बंद सिंचाई विभाग के जूनियर इंजीनियर रामभवन की पत्नी दुर्गावती को उसके नरैनी कस्बा स्थित आवास से 28 दिसंबर 2020 को गिरफ्तार किया था। तभी से उसकी पत्नी भी जेल में बंद है।
दीक्षित ने बताया कि दुर्गावती पर पहले पॉक्सो अधिनियम की धारा-17 (बाल यौन अपराध को छिपाना, मदद करना) और आईपीसी की धारा-120बी (आपराधिक षड्यंत्र में शामिल होना) के तहत आरोप लगा था, लेकिन अब लैंगिक अपराध की 4, 6, 8, 10 व 12 धाराएं भी लग गयी हैं। जबकि आरोपित जूनियर इंजीनियरके खिलाफ लैंगिक अपराध की 24 व 29 की नई धाराएं जुड़ गई हैं। इनमें उम्रकैद या मौत की सजा तक का प्रावधान है।"
एडीजीसी दीक्षित ने बताया कि आरोपी जूनियर इंजीनियर रामभवन की पत्नी दुर्गावती ने अधिवक्ता के जरिए 12 जनवरी को जमानत की अर्जी अपर जिला एवं सत्र न्यायालय (पॉक्सो) मोहम्मद रिजवान अहमद की कोर्ट में दाखिल की थी,जिसकी सुनवाई अब 25 जनवरी को होगी।
गौरतलब है कि सीबीआई ने बच्चों का यौन शोषण करने और उनके अश्लील वीडियो व फोटो पॉर्न साइटों को बेचने का एक मामला 31 अक्टूबर 2020 को दर्जकर 16 नवंबर को चित्रकूट सिंचाई विभाग के जूनियर इंजीनियर रामभवन को गिरफ्तार किया था और वह 18 नवंबर से न्यायिक हिरासत में जेल में बंद है। इसी मामले की उसकी पत्नी और सहअभियुक्त दुर्गावती 28 दिसंबर 2020 से न्यायिक हिरासत में जेल में बंद है।