कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन व्यवस्था को लेकर लगातार उत्तर प्रदेश पर सवाल उठा रहे विपक्ष पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के किसी नेता को कोविड-29 अस्पताल जाना पड़ता तो वे व्यवस्थाओं पर सवाल नहीं उठाते। मुख्यमंत्री के इस बयान पर कांग्रेस ने भी अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है।
मुख्यमंत्री ने ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन के दौरान राज्य सरकार द्वारा कोरोना को लेकर आंकड़ों की बाजीगरी किए जाने के विपक्ष के आरोपों से सम्बंधित एक सवाल पर कहा, ”यह आंकड़ों की बाजीगरी नहीं है। जो कार्य हो रहा है जनता उसको महसूस कर रही है। भगवान न करे कि विपक्ष के किसी नेता को कोविड अस्पताल जाना पड़े अन्यथा वे अपनी आंखों से चीजों को देखते तो इस तरह के सवाल और टिप्पणी नहीं करते।”
उन्होंने कहा, ”हमने शुरू से ही कहा था कि यह संकट किसी मत, मजहब या पार्टी का नहीं है। सभी मिलकर मुकाबला करते तो अच्छा होता, लेकिन आपने देखा होगा कि नकारात्मक राजनीति की गयी वह भी इस हद तक कि जो लोग ट्विटर पर बड़ी-बड़ी टिप्पिणयां करते हैं उन्होंने एक कौड़ी या भोजन का एक पैकेट भी किसी गरीब को नहीं दिया है। इससे आप उनकी असलियत देख सकते हैं।”
मुख्यमंत्री योगी ने विषम परिस्थितियों में अपने घरों को लौट रहे प्रवासी श्रमिकों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए बसें भेजने के कांग्रेस के प्रस्ताव पर निशाना साधते हुए कहा कि जिन लोगों ने कोटा से बच्चों को वापस लाने में राज्य सरकार से तेल और किराया मांगा वे हमें बस की सूची देते हैं। जब हमने बस के लिए सूची मांगी तो उनके आंकड़े फर्जी निकलते हैं।
अगर हम उन बसों से श्रमिकों को वापस लाते तो जीवन को खतरा हो सकता था।” उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार आगामी 15 जून तक प्रदेश में हर दिन 15 हजार जांच करने की व्यवस्था कर रही है और 30 जून तक इसे 20 हजार जांचों तक बढ़ाया जाएगा। अभी तक हम दो लाख 72 हजार टेस्ट कर चुके हैं।
योगी के बयान पर कांग्रेस ने जताया कड़ा विरोध
सीएम योगी के इस बयान पर विरोध जताते हुए कांग्रेस ने कहा है कि अगर मुख्यमंत्री विपक्ष को बद्दुआ देने के बजाय अपने गिरेबां में झांकते तो अच्छा होता। प्रदेश कांग्रेस के मीडिया संयोजक ललन कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री अगर विपक्ष को लेकर अभद्र टिप्पणी करने के बजाय प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में क्वारंटाइन केंद्रों का हाल लेते तो उन्हें वहां की दुर्दशा का पता चलता। वहां साफ-सफाई, खाने-पीने और बिजली की व्यवस्था नहीं है।
उन्होंने कहा, ”अपने गिरेबां में झांकने के बजाय मुख्यमंत्री ने विपक्ष को बद्दुआ दी है। उन्हें पता होना चाहिए कि कांग्रेस का एक-एक सिपाही कोविड-19 के सारे नियमों का पालन करते हुए दिन-रात जरूरतमंदों की सेवा में लगा है। जो लोग सत्ता पाने के लिए बड़े-बड़े वादे करते हैं, आज उन्हीं लोगों ने गरीबों और किसानों को बेसहारा छोड़ दिया है।”
ललन कुमार ने कहा कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और पार्टी के कई अन्य नेताओं को फर्जी मुकदमे दर्ज कर जेल में भर दिया गया है। साथ ही कहा कि सत्ताधारी पार्टी का यह उत्पीड़न कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।