उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रवासी मजदूरों से अपील करते हुए कहा कि वह सभी (प्रवासी मजदूर) पैदल या साईकिल के माध्यम से अपने घर लौटने की कोशिश ना करें राज्य सरकार सभी मजदूरों को वापिस लाने के लिए ट्रेन, बस और अन्य वाहनों की व्यवस्था कर रही है।
गौरतलब हो कि देश भर में फैले कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण पूरे देश में लगे लॉकडाउन के कारण देश के अलग-अलग हिस्सों में प्रवासी मजदूर फंसे हुए हैं और सभी मजदूर अपने पैतृक राज्यों में वापिस जाने के लिए पैदल यात्रा कर रहे हैं हालांकि केंद्र सरकार के निर्देश पर इन मजदूरों को वापिस पहुंचाने के लिए रेल भी चलाई जा रही है। और कई राज्य सरकारें भी इस कदम की ओर अलग-अलग तरह के प्रयास करने में जुटी है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दूसरे राज्यों से आ रहे श्रमिकों से पैदल या साइकिल से न चलने की शुक्रवार को अपील के बीच राज्य सरकार ट्रेनों के जरिए महाराष्ट्र, केरल, कर्नाटक, तेलंगाना जैसे दूसरे प्रदेशों से उत्तर प्रदेश के श्रमिकों को लाने की व्यवस्था कर रही है और प्रदेश के श्रमिकों को लेकर चलीं 79 ट्रेन रास्ते में हैं। योगी ने कहा कि सरकार अपने प्रदेश के हर श्रमिक को सुरक्षित उनके घर तक लाएगी। यह प्रक्रिया मार्च के अंतिम हफ्ते से ही जारी है।
जरूरत के अनुसार इसके लिए ट्रेन और बसों की मदद ली जा रही है। दूसरे राज्यों-महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब, कर्नाटक, केरल और तेलंगाना आदि से प्रदेश के श्रमिकों को लेकर चलीं 79 ट्रेन रास्ते में हैं। शनिवार तक ये अपने-अपने गंतव्य तक पहुंच जाएंगी।उन्होंने बताया कि 56 ट्रेनों से अब तक गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, पंजाब, आंध्र प्रदेश और केरल आदि राज्यों से करीब 70 हजार श्रमिकों की वापसी हो चुकी है। ट्रेनों के अलावा राज्य परिवहन निगम की करीब 10 हजार बसें भी आने वाले श्रमिकों को सुरक्षित उनके घरों तक पहुंचा रही हैं। शुक्रवार को हरियाणा से 30, 000 श्रमिक अपने प्रदेश में पहुंचेंगे।
इस बीच, अपर मुख्य सचिव (गृह एवं सूचना) अवनीश कुमार अवस्थी ने यहां संवाददाताओं को बताया कि मुख्यमंत्री ने इस बात पर बल दिया है कि कहीं भी श्रमिक लोग हैं, तो वे पैदल न चलें । इससे बीमारी और सुरक्षा का खतरा है । प्रदेश में 22 मार्च तक 50 से 60 हजार लोग आ चुके थे । 25 मार्च के बाद 4000 से अधिक बसों के जरिए हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान से छह लाख के करीब श्रमिकों को उत्तर प्रदेश लाया गया। उन्होंने बताया कि आज की तारीख में जो भी श्रमिक आ रहा है, उसकी अगवानी कर मेडिकल स्क्रीनिंग के बाद खाद्यान्न के पैकेट देकर उसे घर में पृथक रखा जा रहा है।
अवस्थी ने मुख्यमंत्री योगी के हवाले से कहा कि प्रदेश में सभी प्रवासी कामगारों के साथ सम्मानजनक व्यवहार किया जाना चाहिए। प्रवासी श्रमिकों की प्रदेश में सकुशल वापसी तथा प्रदेश में रह रहे दूसरे राज्यों के कामगारों एवं श्रमिकों की संबंधित राज्य में सकुशल वापसी के लिए बेहतर संवाद को आगे बढ़ाया जाए। योगी शुक्रवार को यहां लोक भवन में आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में लॉकडाउन व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकार अपने प्रदेश के हर श्रमिक एवं कामगार को सुरक्षित उनके घर तक लाएगी। अवस्थी ने कहा कि हरियाणा से 30 हजार लोगों आज या कल तक लाने की व्यवस्था की जा रही है । अब तक 69 ट्रेन प्रदेश में आ चुकी हैं । इतनी बड़ी मात्रा में ट्रेन प्रदेश में आ रही हैं, कोई कारण नहीं कि श्रमिकों को पैदल चलने की आवश्यकता है ।
उन्होंने बताया कि आगरा, वाराणसी, गाजीपुर, जौनपुर, बरेली और कानपुर में दो—दो ट्रेनें अब तक आ चुकी हैं । लखनऊ और गोरखपुर में ग्यारह—ग्यारह, बलिया में, प्रयागराज में सात, प्रतापगढ़ में, रायबरेली, कन्नौज, बांदा, हरदोई, मउ और अमेठी में एक—एक, आजमगढ़, अयोध्या, बाराबंकी, सोनभद्र, गोंडा, सीतापुर, उन्नाव, बस्ती, कासगंज और मानिकपुर में ट्रेन आ चुकी हैं । प्रदेश के कुल 40 जिलों में ट्रेन लाई जा रही हैं, जहां सीधे ट्रेन आ सकती हैं ।अवस्थी के मुताबिक मुख्यमंत्री योगी ने अपील की है कि हर हालत में लोग व्यवस्था के अनुरूप आएं। साइकिल से या पैदल न आएं। आज 11 ट्रेन आई हैं, सोलह और आने वाली हैं । एक ही दिन में 30 हजार लोग ट्रेनों से आ रहे हैं । हमने 66 ट्रेनों को अनुमति दे दी है। दस ट्रेन गुजरात से आएंगी । कल तक 76 ट्रेन आ जाएंगी ।
योगी ने लॉकडाउन की व्यवस्था को पूरी सख्ती से लागू करने को कहा । उन्होंने ‘हॉटस्पॉट’ में संक्रमणमुक्ति एवं स्वास्थ्य की व्यवस्था की समीक्षा की । उन्होंने कहा कि श्रमिकों के उनके गृह जनपद पहुंचने के बाद पर्याप्त संख्या में परिवहन की बसें उनके जनपद में रखी जाएं, ताकि बसों से संबंधित कठिनाई न हो । परिवहन निगम दस हजार बसों के साथ इस व्यवस्था को लागू कर रहा है । यह देश की सबसे बड़ी व्यवस्था होगी । अवस्थी ने बताया कि 75 जिलों के जिलाधिकारियों के सहयोग के लिए जो आईएएस और पीसीएस अधिकारी भेजे गए हैं, उनसे नियमित संवाद किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने विदेश से आने वालों से संबंधित प्रबंधों की समीक्षा भी की । शनिवार रात पौने आठ बजे यहां शारजाह से एक विमान भारतीयों को लेकर आएगा ।
उन्होंने कहा कि अन्य प्रदेशों से वापस आने के इच्छुक लोगों के लिए एक ही बात है कि उनकी सूची बनकर प्रदेश में आ जाए । चिकित्सकीय प्रमाणपत्र बनकर आ जाए तो हम उनकी अगवानी करने के लिए तैयार हैं । उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने कोविड और गैर कोविड अस्पतालों की समीक्षा की और परीक्षण क्षमता एवं पूल टेस्टिंग क्षमता बढ़ाने का निर्देश दिया । मुख्यमंत्री ने कहा कि हर जिले के मेडिकल संस्थान की व्यवस्था ऐसी हो कि सब उपकरण ठीक से काम करें और डॉक्टर पूरी तरह प्रशिक्षित हों । अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने एल—1, एल—2 और एल—3 अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या 52 हजार करने का लक्ष्य तय किया था। आज तक कुल 48 हजार बिस्तरों का पंजीकरण हुआ, यानी इतने बिस्तरों की व्यवस्था हो चुकी है । शेष बिस्तरों की व्यवस्था भी आज या कल में हो जाएगी ।योगी ने कहा कि जिस जिले में दो वेंटिलेटर हैं, वहां पांच वेंटिलेटर की व्यवस्था कर दी जाए ।
अपर मुख्य सचिव (गृह एवं सूचना) ने बताया कि गृह विभाग के माध्यम से लॉकडाउन अवधि में धारा—188 के तहत लगभग 40 हजार प्राथमिकी दर्ज की गयी हैं और एक लाख 14 हजार लोगों के खिलाफ यह कार्रवाई हुई है । कुल 37 हजार वाहन जब्त किए गए हैं जबकि 16 करोड़ 16 लाख रुपये की चालान राशि जमा हो चुकी है । उन्होंने बताया कि तबलीगी जमात से जुडे़ 2,670 लोगों को अब तक पृथक किया गया है । कुल 325 विदेशी नागरिकों को पृथक-वास में रखा गया है।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि निराश्रित गौवंश के संरक्षण के लिए स्थापित गौ आश्रय स्थलों में चारे की व्यवस्था के लिए भूसा बैंक के स्थापना कार्य को गति दी जाए। गौ आश्रय स्थलों में रोजगार की सम्भावनाएं हैं, इसलिए प्रवासी कामगारों एवं श्रमिकों को रोजगार सुलभ कराने के लिए इन्हें गौ आश्रय स्थलों से जोड़ा जाए।