उत्तर प्रदेश में शाहजहांपुर के बहुचर्चित यौन शौषण के आरोप में जिला कारागार में बंद पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद को सोमवार को कड़ी सुरक्षा के बीच मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी (सीजीएम) अदालत में पेश किया गया। अदालत ने चिन्मयानंद की न्यायिक हिरासत 30 नवम्बर तक बढ़ दी। मामले की अगली तारीख 30 नवम्बर तय की है। पेशी के बाद चिन्मयानंद को कडी सुरक्षा के बीच जेल भेज दिया।
गौरतलब है कि स्वामी चिन्मयानंद पर उनके लॉ कॉलेज की एक छात्रा ने यौन शौषण व दुष्कर्म का गंभीर आरोप लगाया था। उच्चतम न्यायालय के आदेश पर मामले की जांच करते हुए एसआईटी ने स्वामी चिन्मयानंद को 20 सितम्बर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। जिसके बाद चिन्मयानंद ने जिला जज रामबाबू शर्मा की अदालत में जमानत अर्जी दाखिल की जिसे जिला जज ने खरीज कर दिया था।
दूसरी तरफ चिन्मयानंद यौन शोषण के मामले और चिन्मयानन्द से रंगदारी मांगने के मामले की जांच कर रही स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) ने करीब दो महीने की जांच-पड़ताल के दौरान 105 लोगों के बयान दर्ज किये और करीब 20 भौतिक साक्ष्य तथा विभिन्न दस्तावेज से सम्बंधित लगभग 55 अभिलेखीय साक्ष्य इकठ्ठा किये। विवेचना के दौरान एसआईटी ने 47 सौ पन्नों की केस डायरी तथा 20-20 पन्नो की चार्जशीट तैयार करने के बाद बीते बुधवार (06 नवम्बर)को एसआईटी ने यौन शोषण के आरोपी स्वामी चिन्मयानंद व रंगदारी मांगने के आरोप में छात्रा समेत संजय,विक्रम सचिन तथा भाजपा के दो बड़ नेताओं के खिलाफ मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट शाहजहांपुर की अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दी थी।
शाहजहांपुर अदालत से जमानत अर्जी खारिज होने के बाद चिन्मयानंद ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और अपील की थी। उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी ने स्वामी चिन्मयानंद की जमानत अर्जी पर सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।