कानपुर जिले के चकेरी क्षेत्र स्थित वाजिदपुर में दो समुदायों के बीच हुये संघर्ष के दौरान पथराव में एक युवक की मौत हो गयी और कई अन्य घायल हो गये। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार शाम हुई इस घटना में शामिल व्यक्तियों को तत्काल गिरफ्तार कर उनके खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में एक पुलिस चौकी प्रभारी और एक सिपाही को लाइन हाजिर कर दिया गया है।
पुलिस अधीक्षक (पूर्वी) राज कुमार अग्रवाल ने सोमवार को बताया कि वाजिदपुर इलाके में रविवार शाम पिंटू निषाद (25) और संदीप अपने घर से कहीं जा रहे थे, उनका पैर सड़क पर पड़े पानी के एक पाउच पर पड़ गया जिससे पाउच फट गया और उससे निकले पानी की छींटे सड़क के किनारे खड़े कुछ लोगों पर पड़ गयीं। इसी बात को लेकर विवाद हो गया। देखते ही देखते इसने दो समुदायों के बीच संघर्ष का रूप ले लिया। इस दौरान दोनों तरफ से पथराव किया गया।
दो समुदायों के बीच संघर्ष की खबर मिलने पर पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची। पथराव में पिंटू निषाद और कई अन्य घायल हो गये। सभी घायलों को लाला लाजपत राय अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां डाक्टरों ने पिंटू को मृत घोषित कर दिया।
अग्रवाल ने बताया कि इस मामले में कुल 11 नामजद तथा कुछ अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। नामजद अभियुक्तों में से मोहसिन, सरफराज आलम, मेराज तथा अंजुम नामक एक महिला को गिरफ्तार किया गया है।
अग्रवाल ने बताया कि इस मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में जाजमऊ पुलिस चौकी प्रभारी तथा एक कॉन्स्टेबल को लाइन हाजिर कर दिया गया है। आरोप है कि वारदात के दौरान पुलिस रिस्पांस वाहन पर तैनात इन पुलिसकर्मियों ने अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई और महज तमाशबीन बने रहे। इन पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू की गई है।
उन्होंने बताया कि अपर पुलिस अधीक्षक (कैंट) सत्यजीत गुप्ता को पूरे मामले की जांच करके रिपोर्ट देने को कहा गया है।
अग्रवाल ने बताया कि इस वारदात से नाराज परिजन तथा स्थानीय लोगों ने वाजिदपुर में शव रखकर प्रदर्शन किया और मंडल आयुक्त राजशेखर से अवैध रूप से कब्जा की गई कालोनियों को खाली कराने की मांग की। परिजन का आरोप है कि इन कॉलोनियों में अक्सर अपराधी तत्व शरण लेते हैं। मंडलायुक्त ने इस मांग को स्वीकार करते हुए अपर नगर मजिस्ट्रेट की अगुवाई में तीन सदस्यीय समिति गठित की है।
अग्रवाल ने बताया कि वारदात के सिलसिले में अभी तक चार लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इलाके में पीएसी और पुलिस बल तैनात कर दिया गया है और वरिष्ठ पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी इलाके में गश्त कर रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार शाम हुई इस घटना में शामिल व्यक्तियों को तत्काल गिरफ्तार कर उनके खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई के आदेश दिए हैं।
मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा किये गये एक ट्वीट में कहा गया है, ”मुख्यमंत्री ने पीड़ित परिवार को मुख्यमंत्री राहत कोष से पांच लाख रूपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है तथा घटना में शामिल व्यक्तियों को तत्काल गिरफतार कर उनके विरूध्द राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया है।”
इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को किये गये एक ट्वीट में कहा कि सरकार इस प्रकरण की फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई कराकर अपराधियों को अति शीघ्र सजा दिलाएगी।