उत्तर प्रदेश के लखनऊ का नाम बदलकर लक्ष्मण नगरी या फिर लक्ष्मणपुरी की मांग प्रतापगढ़ के सांसद संगम लाल गुप्ता ने की थी। इसी बीच सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि वह इस विचार के लिए खुले हैं, लेकिन उन्हें प्रधानमंत्री और गृह मंत्री की मंजूरी की आवश्यकता होगी।बता दें कि सीएम योगी का कहना है कि सरकार लखनऊ का नाम तब तक नहीं बदलेगी जब तक कि वह ऐसा करने का कड़ा फैसला नहीं ले लेती। लखनऊ एक ऐतिहासिक शहर है और इसका नाम फिलहाल लखनऊ ही रहेगा।
लखन पासी को राजा के रूप में सम्मानित किया जाए
एक तरफ योगी आदित्यनाथ की उत्तर प्रदेश सरकार के सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने सुझाव दिया कि लखन पासी को राजा के रूप में सम्मानित किया जाए। योगी आदित्यनाथ ने सहमति जताते हुए कहा कि लखन पासी एक शक्तिशाली राजा थे। बिजली पासी, जो यहाँ भी थे, एक शक्तिशाली राजा भी थे। लखनऊ की जो परंपरा पुरानी और ऐतिहासिक है, उसमें अच्छे और बुरे दोनों तरह के राजा शामिल हैं। भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन की एक महान नायिका बेगम जहरत महल ने उस संघर्ष में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, लेकिन लखनऊ का इतिहास बहुत पीछे चला जाता है।
शहर का नाम भगवान राम के छोटे भाई पर रखा
इससे पहले राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि इस शहर का नाम भगवान राम के छोटे भाई लक्ष्मण के नाम पर रखा गया है। लंबे समय से इस शहर को लखनपुर कहने की परंपरा चली आ रही है। एक ओर यह शहर हमारी प्राचीनतम परंपराओं से जुड़ा हुआ है तो दूसरी ओर यह आधुनिक काल की संस्कृति, साहित्य और कला का प्रमुख केंद्र है।