देशभर में 11 राज्यों के अंदर कोरोना वायरस के नए खतरनाक स्वरुप डेल्टा प्लस से संक्रमित मामलों के मिलने से आतंक की लहर दौड़ गयी है। सभी राज्य अपने स्तर पर कोरोना के इस डेल्टा स्वरूप से बचाव की तैयारियों में लग गए हैं। इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार भी बचाव की तैयारियों में जुट गयी हैं। यही कारण है की योगी सरकार जीनोम सिक्वेंसिंग की सुविधा को लगातार बढ़ा रही है। प्रदेश में पिछले 24 घंटो के दौरान कोरोना के 190 नये मामले सामने आये है जबकि 261 स्वस्थ भी हुये। राज्य में फिलहाल 3046 मरीजों का इलाज किया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश में कोरोना की दैनिक सकारात्मक दर 0.1 फीसदी से भी कम हो चुकी है वहीं रिकवरी दर 98.5 प्रतिशत है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को कोविड-19 प्रबंधन के लिये गठित टीम-09 की बैठक में कहा कि कोरोना वायरस के गहन अध्ययन-परीक्षण के लिए प्रदेश में जीनोम सिक्वेंसिंग की सुविधा को लगातार बढ़या जा रहा है। बीएचयू, वाराणसी, केजीएमयू लखनऊ और सीडीआरआई, आईजीआईबी, दिल्ली के सहयोग से जीनोम परीक्षण कराया जा रहा है। अध्ययन की यह रिपोर्ट डेल्टा प्लस वैरिएंट से बचाव के लिए प्रबंधन में सहायक होगी।
उन्होंने कहा कि देश के 11 राज्यों में कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ‘डेल्टा प्लस’ से संक्रमित मरीज पाए जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश को विशेष सतर्कता बरतनी होगी। विशेषज्ञों के अनुसार इस बार का वैरिएंट पहले की अपेक्षा कहीं अधिक खतरनाक है। विशेषज्ञों के परामर्श के अनुरूप बिना देर किए सभी जरूरी कदम उठाए जाएं। प्रदेश में जल्द ही 11 नई आरटीपीसीआर टेस्ट प्रयोगशालाएं क्रियाशील हो जाएंगी। इनका संचालन शुरू करने के संबंध में सभी जरूरी तैयारियां तेजी से पूरी कर ली जाएं। इसके साथ ही प्रदेश के 45 जिलों में आरटीपीसीआर टेस्ट प्रयोगशालाएं हो जाएंगी।
शेष 30 जिलों में भी अगले तीन-चार माह के भीतर ऐसी प्रयोगशालाएं स्थापित कराने की कार्यवाही की जाए। सीएम योगी ने कहा कि कोरोना महामारी के लिहाज से उत्तर प्रदेश की स्थिति हर दिन के साथ बेहतर होती जा रही है। यह अतिरिक्त सतर्कता और सावधानी बरतने का समय है। बाजार खुल चुके हैं, आवागमन आदि निर्बाध रूप से संचालित है, ऐसे में हर एक प्रदेशवासी को सावधान रहना होगा। कोविड बचाव संबंधी व्यवहार जैसे मास्क, सैनिटाइजेशन और 2 गज की दूरी का पूरी कड़ाई के साथ पालन करना जरूरी है। थोड़ी सी लापरवाही बड़ी समस्या का कारण बन सकती है।
उन्होंने कहा कि संचारी रोगों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए 01 जुलाई से प्रदेशव्यापी अभियान शुरू हो रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता, फॉगिंग सैनिटाइजेशन के संबंध में जागरूकता बढ़ाये जाने की जरूरत है। अभियान के सफल क्रियांवयन के लिए सभी जरूरी तैयारियां कर ली जाएं। कोविड की तीसरी लहर की आशंका देखते हुए सभी जरूरी प्रयास यथाशीघ्र पूरी की जाए। पीकू/नीकू की स्थापना की कार्यवाही तेज हो। अब तक केवल मेडिकल कॉलेजों में पीडियाट्रिक आईसीयू बेड की संख्या 5900 से अधिक हो गई है।
स्वास्थ्य विभाग के अस्पतालों में भी पीकू/नीकू स्थापना की कार्यवाही जारी है। सभी जिलों में इस कार्य को शीर्ष प्राथमिकता दी जानी चाहिए। कोरोना से बचाव के लिए टीकाकरण सबसे उत्तम सुरक्षाकवच है। उत्तरप्रदेश में अब तक 03 करोड़ 04 लाख से अधिक वैक्सीन डोज लगाए जा चुके हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में टीकाकरण केंद्रों पर लोगों का उत्साह सुखद है। बड़ संख्या में लोग वैक्सीनेशन के लिए आ रहे हैं।