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मानसून के आते ही मच्छर जनित बीमारियों के खिलाफ शुरू हुआ CM योगी का एक्शन प्लान, जानिए क्या हैं तैयारियां

कोरोना संक्रमण पर प्रभावी नियंत्रण करने के बाद घनी आबादी वाले उत्तर प्रदेश में सरकार ने मानसून के मद्देनजर मौसमी और मच्छर जनित बीमारियों से लड़ने की तैयारी कर ली है।

कोरोना संक्रमण पर प्रभावी नियंत्रण करने के बाद घनी आबादी वाले उत्तर प्रदेश में सरकार ने मानसून के मद्देनजर मौसमी और मच्छर जनित बीमारियों से लड़ने की तैयारी कर ली है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर 15 जून से घर-घर बच्चों को उपयोगी दवाइयों की किट वितरित करने का विशेष अभियान शुरू किया जा रहा है। संक्रामक बीमारियों से बचाव के लिये सीएचसी और पीएचसी में फीवर क्लीनिक स्थापित कर दिये गये हैं। सर्विलांस को और बेहतर करने में अधिकारी जुटे हैं। 
इंसेफेलाइटिस और मलेरिया जैसी बीमारियों के प्रसार को रोकने के लिये गोरखपुर, बस्ती और देवीपाटन मण्डल के साथ-साथ नेपाल से लगे जिलों में खास सावधानी बरतने को भी कहा गया है। आधिकारिक सूत्रों ने रविवार को बताया कि दशको से पूर्वांचल में बच्चों के लिये जानलेवा बीमारी के तौर पर पहचान बनाने वाली इंसेफेलाइटिस पर योगी सरकार के आने के बाद प्रभावी नियंत्रण पाया गया है। हर साल सैंकड़ो मासूमों को निगलने वाली इस बीमारी की दहशत अब पूर्वांचल में ना के बराबर है। 
बच्चों के प्रति विशेष लगाव रखने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सांसद रहते हुये भी इंसेफेलाइटिस की रोकथाम के लिये प्रभावी प्रयास किये जबकि 2017 में राज्य में भाजपा की सरकार बनने के बाद उन्होने इस दिशा में जारी प्रयासों को परवान चढाया, नतीजन गोरखपुर, कुशीनगर और देवरिया समेत समूचे उत्तर प्रदेश में इस बीमारी से ग्रसित होने वाले बच्चों की संख्या न के बराबर रह गयी है।
उन्होने बताया कि महज दो महीनों में कोरोना संक्रमण की रफ्तार पर अंकुश लगाने के बाद सीएम योगी की नजर बरसात के दिनों में होने वाली बीमारियों की रोकथाम पर है और उनके निर्देशों के बाद मच्छरों के काटने से होने वाली बीमारियों की रोकथाम के इंतजाम तेज हो गये हैं। गांवों, नगर पंचायतों, नगर पालिकाओं, नगर निगमों को विभिन्न जिम्मेदारी सौंपी गई हैं। मौसमी बीमारियों के संक्रमण की चेन को रोकने के लिए आशा बहुओं, एएनएम और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को घर-घर बुखार के मरीजों की सूची बनाने को कहा गया है। 
मौके पर आरडीटी किट से खून की जांच करने, मलेरिया रोग चिन्हित होने पर उनके इलाज और फॉलोअप को शुरू करने के भी निर्देश उत्तर प्रदेश सरकार ने दिये हैं। मलेरिया विभाग की ओर से एंटी लार्वा का छिड़काव कराया जा रहा है। जिलों में विशेष रूप से डीडीटी से इंडोर रीजीड्यू स्प्रे (आईआरएस) कराने का काम भी तेज हो गया है। वैक्टरजनित रोगों के प्रभावी रोकथाम के लिये कार्ययोजना के तहत प्रदेश के अधिकांश जिलों के तालाबों में गम्बूजिया मछली डाली गई है। इन मछलियों को लार्वा को खत्म करने में उपयोगी भूमिका रहती है।
सूत्रों ने बताया कि बरसात में मौसमी बीमारियों के संक्रमण को रोकने के लिये नगर निगमों, नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों की साफ-सफाई के लिए विशेष अभियान चलाने जा रही हैं। नालियों और नालों की सफाई करने के साथ फॉगिंग कराने के भी निर्देश दिये गये हैं।
मुख्यमंत्री ने संचारी रोगों की रोकथाम के लिये विशेष रूप से सर्विलांस व्यवस्थाओं को और बेहतर करने, स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ ग्राम्य विकास विभाग और बाल विकास पुष्टाहाल आदि विभागों से एक्टिव रहने को कहा है। आशा बहुएं, आंगनबाड़ी कार्यकात्रियां, एएनएम, ग्राम प्रधान लोगों को मच्छर जनित बीमारियों से निपटने के लिये जागरूक करने की विशेष जिम्मेदारी सौंपी गई है। ये गांव-गांव में मच्छर जनित रोगियों की जांच करेंगी और साथ में उनको बीमारी की रोकथाम के लिये जागरूक करने का भी काम करेंगी।

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