उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार को अयोध्या जायेंगे और भव्य राममंदिर के निर्माण के लिये पांच अगस्त को होने वाले भूमि पूजन की तैयारियों को जायजा लेंगे।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि एक दिवसीय संक्षिप्त दौरे के दौरान मुख्यमंत्री रामलला के दर्शन करेंगे और हनुमानगढ़ भी जायेंगे। योगी बाद में संतों और जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ बातचीत करेंगे। योगी श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्यों से मुलाकात करेंगे और भूमि पूजन कार्यक्रम के लिये आमंत्रित मेहमानों की सूची को अंतिम रूप देंगे।
इस बीच कोरोना संक्रमण का हवाला देकर पांच अगस्त को प्रस्तावित कार्यक्रम को चुनौती देने वाली याचिका आज इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने खारिज कर दी है। उधर, शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने दावा किया कि भूमि पूजन के लिये तय समय अशुभ है। उन्होने कहा कि तय तारीख दक्षिणानायन भाद्रपद के महीने में कृष्णपक्ष की द्वितीया है। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार भाद्रपद के दौरान घर और मंदिर के कार्य वर्जित होते है।
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उन्होने कहा कि विष्णु धर्म शास्त्र बल्लभ ग्रंथ उनके दावे की पुष्टि करते हैं। उन्होने कहा ‘‘ हम सब रामभक्त है। हमे प्रसन्नता होगी कि राममंदिर का निर्माण हो लेकिन इसके लिये उपयुक्त तिथि और समय का चुनाव होना चाहिये।’’ हालांकि विभिन्न धर्माचार्यो ने स्वरूपानंद सरस्वती के बयान को खारिज कर दिया। रामजन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द, दास ने कहा कि चैत्र मास में प्रभु राम ने धरती पर अवतार लिया था जबकि भादों कृष्णावतार का महीना है। इस नाते दोनो महीनो में किये जाने वाले कार्य पुण्य लाभ अर्जित करने वाले और शुभ माने जायेंगे।