भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए एक बार फिर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रिश्वत लेने के आरोपी पुलिस अधिकारी को पदावनत कर सिपाही बना दिया। यह जानकारी गृह विभाग की ओर से ट्वीट कर दी गई है। दरअसल रामपुर सदर के तत्कालीन अंचल अधिकारी/उप अधीक्षक विद्या किशोर शर्मा को रिश्वत लेने के आरोप में उनके मूल पद पर वापस लौटा दिया गया है।
प्टी एसपी के पद पर किया गया था तैनात
सीओ विद्या किशोर शर्मा पर रामपुर में पोस्टिंग के दौरान रिश्वत लेने का आरोप लगा था।आरोप सही पाए जाने पर जांच के बाद कार्रवाई की गई है। उन्हें उनके मूल पद पर लौटा दिया गया है।
विद्या किशोर शर्मा को यूपी पुलिस में कांस्टेबल के पद पर नियुक्त किया गया था, पदोन्नति मिलने के बाद उन्हें डिप्टी एसपी के पद पर तैनात किया गया था। गौरतलब है कि एक साल पहले विद्या किशोर शर्मा पर भ्रष्टाचार के कई आरोप लगे थे। इतना ही नहीं मुख्यमंत्री की जनसभा से पहले रामपुर में एक महिला ने आत्मदाह की चेतावनी दी थी।
वीडियो अधिकारियों के संज्ञान में आया
महिला का आरोप है कि स्वामी विवेकानंद अस्पताल के संचालक विनोद यादव और तत्कालीन इंस्पेक्टर गंज रामवीर यादव ने उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। इस पर पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। जिसके बाद सीओ विद्या किशोर का इस मामले में पांच लाख की रिश्वत लेते हुए एक वीडियो अधिकारियों के संज्ञान में आया।
बड़े मामले को लेकर इंस्पेक्टर और अस्पताल संचालक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर तत्कालीन सीओ को निलंबित कर दिया गया था।जिसके बाद सरकार ने सीएम के आदेश पर इसकी जांच कराई। एएसपी मुरादाबाद की जांच में सीओ पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप सही पाए गए।