गृह मंत्रालय की स्क्रीनिंग कमेटी ने भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) उत्तर प्रदेश कैडर के तीन अधिकारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने का फैसला किया है। सेवानिवृत्त किए गए अधिकारियों पर गंभीर आरोपों की बात कही गई है। आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने खुद उत्तर प्रदेश शासन द्वारा दिए गए आदेश की प्रति ट्वीट करते हुए यह जानकारी दी। दो अन्य पुलिस अफसरों में राजेश कृष्ण और राकेश शंकर शामिल हैं।
सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी के आदेश के मुताबिक गृह मंत्रालय, भारत सरकार के 17 मार्च के आदेश के द्वारा 1992 बैच के आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर को ‘लोकहित’ में सेवा में बनाए रखने के उपयुक्त नहीं पाते हुए तत्काल प्रभाव से सेवा पूर्ण होने से पहले सेवानिवृत्त किए जाने का निर्णय लिया गया है।
अमिताभ ठाकुर ने अपने ट्वीट में कहा, ”मुझे अभी-अभी लोकहित में सेवानिवृत्ति का आदेश प्राप्त हुआ, सरकार को अब मेरी सेवाएं नहीं चाहिए, जयहिंद।” ठाकुर समय-समय पर सरकार के फैसलों की आलोचना करते रहे हैं।
प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक अमिताभ ठाकुर के अलावा 2002 बैच के एक पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) और 2005 बैच के एक पुलिस अधीक्षक (एसपी) को भी सेवा पूर्ण होने से पहले सेवानिवृत्त किए जाने का निर्णय लिया गया है। अवनीश कुमार अवस्थी ने इस सूचना की पुष्टि की है।
उल्लेखनीय है कि सीधी सेवा के 1992 बैच के आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर का कार्यकाल अभी जून, 2028 तक बचा है जबकि राज्य पुलिस सेवा से प्रोन्नत होकर आईपीएस बने अन्य दोनों अधिकारियों का कार्यकाल क्रमश : जून 2023 और अप्रैल 2024 तक है। इन अधिकारियों के खिलाफ कई मामलों में जांच चल रही है।