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यूपी में कांग्रेस के बुजुर्ग उपेक्षा से हुए नाराज, सोनिया को बताएंगे अपना दर्द

उत्तर प्रदेश में कांग्रेस भले ही 2022 में सत्ता पाने के ख्वाब बुन रही हो। मगर उनके बुजुर्ग नेता खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं और वह अब लामबंद हो गए हैं। वह अपना दर्द सोनिया गांधी के सामने बयां करेंगे।

उत्तर प्रदेश में कांग्रेस भले ही 2022 में सत्ता पाने के ख्वाब बुन रही हो। मगर उनके बुजुर्ग नेता खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं और वह अब लामबंद हो गए हैं। वह अपना दर्द कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के सामने बयां करेंगे। कांग्रेस के बुजुर्ग नेता राजधानी में गुरुवार को नेहरू जयंती मनाने के नाम एकत्रित हुए और अपनी नाराजगी व्यक्त की। 
सभी नेताओं ने एक सुर में कहा कि अपने हालात के बारे में कांग्रेस पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से अवगत कराएंगे। प्रदेश में कांग्रेस के कायाकल्प के नाम पर पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने संगठन का स्वरूप पूरी तरह बदल दिया है। वरिष्ठ कांग्रेसियों को एक सिरे से किनारे कर संगठन में नए चेहरों को जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। 
इसे लेकर वरिष्ठ कांग्रेसियों में नाराजगी तो कई दिनों से हैं लेकिन अब जाकर चुनिंदा नेताओं ने खुलकर आपत्ति जताई है। धीरे-धीरे उनका असंतोष अब काफी बढ़ चुका है। जो सामने आने लगा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने गोमती नगर स्थित पूर्व सांसद ड़ॉ संतोष सिंह के आवास पर बैठक की। असंतुष्टों की इस कतार में लगभग एक दर्जन पूर्व विधायक भी शामिल थे। बारी-बारी से सभी ने पार्टी के मौजूदा हालात पर चिंता जताई। 
किसी ने कहा कि नेतृत्व ने कुछ पेड वर्कर रख लिए हैं, वही तय कर रहे हैं कि कौन प्रदेश का और कौन जिला संगठन में पदाधिकारी होगा। ऐसे कार्यकर्ताओं को पदाधिकारी बना दिया गया है, जो प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य नहीं है, जिन्हें दल की समझ तक नहीं है। कुछ ने कहा कि लगातार वरिष्ठ कार्यकर्ताओं की अनदेखी कर दूसरे दलों से गठबंधन के फैसले लिए गए, जिससे पार्टी की यह हालत हुई है। पार्टी हाईकमान यहां के हलातों पर बहुत सुस्ती बरत रहा है। 
इसे गंभीरता से लेना चाहिए। इसके अलावा यह एक साझा शिकवा था कि 40-50 वर्ष से कांग्रेस में काम कर रहे कार्यकर्ताओं को अब बुजुर्ग और बेकार समझकर किनारे क्यों कर दिया गया। अंतत: बैठक में निर्णय लिया गया कि जल्द ही पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलकर अपनी बात रखेंगे। 
इस पर पूर्व विधायक भूधर नारायण मिश्र ने कहा, “बात आज की नहीं, पिछले दस-पंद्रह वषरे से अलग तरह के फैसले लिए जा रहे हैं। बैठक में जो शामिल हुए हैं, इनमें से कोई किसी निर्णय में शामिल नहीं रहा।” बैठक में पूर्व मंत्री रामकिशन द्विवेदी, सत्यदेव त्रिपाठी, स्वयंप्रकाश गोस्वामी, राजेंद्र सिंह सोलंकी, विनोद चौधरी, नेकचंद पांडेय, सिराज मेंहदी आदि उपस्थित थे। 

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