लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

लोकसभा चुनाव पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

विधायक अदिति सिंह पर कार्रवाई को लेकर ऊहापोह की स्थित में कांग्रेस

उत्तर प्रदेश सरकार ने गांधी जयंती पर विधानमंडल का विशेष सत्र बुलाया था, लेकिन कांग्रेस पार्टी ने इस सत्र का बहिष्कार किया था। पार्टी के सत्र बहिष्कार के बावजूद रायबरेली सदर से कांग्रेस विधायक अदिति सिंह ने सत्र में हिस्सा लिया था।

उत्तर प्रदेश सरकार ने गांधी जयंती पर विधानमंडल का विशेष सत्र बुलाया था, लेकिन कांग्रेस पार्टी ने इस सत्र का बहिष्कार किया था। पार्टी के सत्र बहिष्कार के बावजूद रायबरेली सदर से कांग्रेस विधायक अदिति सिंह ने सत्र में हिस्सा लिया था। अब कांग्रेस अदिति के खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर ऊहापोह की स्थित में है। 
महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर आयोजित विधानमंडल के सत्र में हिस्सा लेने वाली कांग्रेस विधायक अदिति सिंह पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली की सदर सीट से निर्वाचित हुई है। उन्होंने न केवल सत्र में भाग लिया था, वरन उन्होंने अपने विचार भी रखे थे। अदिति सिंह के इस कदम से पार्टी को काफी असहजता का सामना करना पड़ा। 
पार्टी में भारी दबाव के बाद विधानमंडल दल के तत्कालीन नेता (अब प्रदेश अध्यक्ष) अजय कुमार लल्लू ने चार अक्टूबर को नोटिस जारी कर अदिति सिंह से दो दिन में कारण बताने को कहा था। जवाब न देने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की बात कही गई थी। तब से लेकर अब तक विधायक ने कोई जवाब नहीं दिया है, और कांग्रेस ने भी इस मुद्दे पर चुप्पी साध रखी है। 
कांग्रेस के एक नेता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “कांग्रेस अभी इस मुद्दे पर कोई रिस्क लेना नहीं चाहती है। अभी प्रदेश में गठित हुई नई कार्यकारिणी का विवाद शांत नहीं हो रहा है। अभी भी पुराने नेता ही रूठे हुए हैं, जिन्हें मनाने का काम किया जा रहा। ऊपर से अदिति सिंह को बाहर किए जाने पर पार्टी में बवाल के साथ ही विधानसभा में संख्या बल भी कम होगा। यह पार्टी के लिए नुकसानदायक कदम है। इसीलिए पार्टी इस पर सोच-समझकर फैसला करेगी।”
नेता ने बताया, “अदिति सिंह भी अभी इस्तीफा देने वाली नहीं हैं। उन्हें पता है कि उनके इस कदम से उनका रूतबा तो छिनेगा, साथ ही राजनीति भी कमजोर हो जाएगी। गांधी परिवार अमेठी गांवाने के बाद रायबरेली में बहुत फूंक-फूंक कर ही कदम रखेगा। जिससे सोनिया का गढ़ हमेशा की तरह मजबूत रहे।” वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक राजीव श्रीवास्तव के अनुसार, कांग्रेस पार्टी 2022 विधानसभा चुनाव के पहले कोई भी रिस्क नहीं लेगी। वर्तमान में विधानसभा में कांग्रेस की संख्या चार है। 
अगर अदिति सिंह को कांग्रेस बाहर निकालती है तो वह स्वतंत्र रूप से किसी भी दल का दामन थाम सकती हैं। उन पर दलबदल कानून भी लागू नहीं होगा। यदि अदिति पार्टी छोड़ेंगी तो दलबदल कानून उन पर लागू हो जाएगा। उनकी सदस्यता भी चली जाएगी। 
श्रीवास्तव के अनुसार, “विधान परिषद सदस्य दिनेश प्रताप सिंह के हटने के बाद रायबरेली में अदिति सिंह बड़ी नेता हैं। इस कारण पार्टी कोई ऐसा रिस्क नहीं लेगी। 2022 तक फिलहाल अदिति सिंह भी विधायकी छोड़ने वाली नहीं हैं। क्योंकि पार्टी छोड़ते ही उस सीट पर उपचुनाव होगा। वहां पर क्या स्थिति बनेगी यह देखना होगा।” 
उल्लेखनीय है कि अदिति सिंह पार्टी लाइन से पहली बार नहीं हटी हैं। इसके पहले उन्होंने अनुच्छेद 370 पर भी केंद्र सरकार के रुख का समर्थन किया था। कांग्रेस विधानमंडल दल की नवनियुक्त नेता आराधना मिश्रा ने कहा, “रायबरेली सदर विधायक अदिति सिंह को बहुत पहले नोटिस दिया जा चुका है। लेकिन उनका जवाब नहीं आया है। अभी उसका इंतजार किया जाएगा। हम लोग संवैधानिक प्रक्रिया के अर्न्तगत ही कोई कदम उठाएंगे। इस पर अभी विचार किया जा रहा है।” 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

seventeen − seven =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।