कांग्रेस छोड़कर जाने वालों की कतार में अब एक और बड़ा नाम शामिल हो गया है, पार्टी को झटका देते हुए वरिष्ठ नेता और देश के जाने-माने वकील कपिल सिब्बल ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है और साथ ही उन्होंने समाजवादी पार्टी के साथ जाने का फैसला लिया है। कपिल सिब्बल ने समाजवादी पार्टी के टिकट पर राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल कर दिया है। उन्होंने कहा कि वह 16 मई को ही कांग्रेस से इस्तीफा दे चुके हैं, बता दें कि सिब्बल के नॉमिनेशन के दौरान सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी वहां मौजूद रहे। 2016 में सपा द्वारा समर्थित कांग्रेस उम्मीवार के रूप में सिब्बल को यूपी राज्यसभा के लिए चुना था।
सिब्बल ने सपा के टिकट पर दाखिल किया नामांकन
नामांकन के दौरान उनके साथ सपा अध्यक्ष के साथ-साथ पार्टी के प्रमुख महासचिव रामगोपाल यादव तथा अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद थे। नामांकन दाखिल करने के बाद सिब्बल ने स्पष्ट किया मैंने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन भरा है और मैं अखिलेश जी का धन्यवाद करता हूं कि उन्होंने हमें समर्थन दिया है। सिब्बल ने यह भी बताया कि वह पिछली 16 मई को ही कांग्रेस से इस्तीफा दे चुके हैं और अब वह कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नहीं हैं। सिब्बल ने कहा हम विपक्ष में रह कर एक गठबंधन बनाना चाहते हैं। हम चाहते हैं कि 2024 में ऐसा माहौल बने कि मोदी सरकार की जो खामियां हैं उन्हें जनता तक पहुंचाया जाए।
कपिल सिब्बल को समर्थन देने पर अखिलेश ने कही यह बात
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सिब्बल को समर्थन देने के औचित्य का जिक्र करते हुए कहा कपिल सिब्बल देश के जाने माने अधिवक्ता हैं। वह लोकसभा में या राज्यसभा में रहे हों, उन्होंने बातों को अच्छी तरह रखा है। हमें उम्मीद है कि देश में जो बड़े-बड़े सवाल हैं… जैसे… आज देश किस रास्ते पर है, महंगाई रुक नहीं रही है और चीन लगातार हमारी सीमाओं पर आगे बढ़ता जा रहा है… इन तमाम बड़े-बड़े सवालों पर कपिल सिब्बल समाजवादी पार्टी के और अपने विचारों को आगे रखेंगे। गौरतलब है कि सिब्बल को सपा की ओर से राज्यसभा प्रत्याशी बनाए जाने की अटकलें मंगलवार से ही लगाई जा रही थीं। हालांकि पार्टी ने इसकी पुष्टि नहीं की थी।
आजम खान को जेल से निकालने में कपिल सिब्बल की है अहम भूमिका
सिब्बल ने भ्रष्टाचार तथा अनेक अन्य आरोपों में लगभग 27 महीने तक सीतापुर जेल में बंद रहे सपा के वरिष्ठ नेता एवं विधायक आजम खान को उच्चतम न्यायालय से जमानत दिलवाने में उनके वकील के तौर पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। खां अपने प्रति कथित बेरुखी को लेकर सपा नेतृत्व से नाराज हैं। माना जा रहा है कि सिब्बल को समर्थन देकर इस नाराजगी को दूर करने की कोशिश की गई है।
उत्तर प्रदेश की 11 राज्यसभा सीटों के लिए नामांकन की प्रक्रिया मंगलवार को शुरू हुई है। इस चुनाव के लिए मतदान आगामी 10 जून को होगा। प्रदेश की 403 सदस्यीय विधानसभा में सपा के 111 सदस्य हैं और वह तीन उम्मीदवारों को आसानी से राज्यसभा भेज सकती है। पार्टी ने फिलहाल सिब्बल को अपना समर्थित प्रत्याशी घोषित किया है। बाकी दो सीटों पर अपने उम्मीदवारों को लेकर सपा ने अभी खुलासा नहीं किया है।